कर्ज
कैलाश ने एक व्यक्ति से कई वर्ष पूर्व दिए हुए उधार के रुपए वापिस करने के लिए अनुरोध किया। उसका उत्तर था ===== मैं तो आपको पितृतुल्य मानता हूं। और कोई भी संतान कितनी भी अच्छी हो माता पिता का कर्ज इस जन्म में तो कभी भी कोई भी नहीं चुका सकती है। फिर मैं आप जैसे मेरे लिए पिता समान इंसान का कर्ज इस जन्म में तो चुका ही नहीं सकता। कैलाश स्तब्ध निशब्द था।
— दिलीप भाटिया