माँ तेरी ज़रूरत है
कितनी सुंदर कितनी भोली,
मइया तेरी मुरत है,
नैनों में बस जाना मेरे,
की मुझको तेरी ज़रूरत है।
सुन्दर मृदुल मुस्कान माँतेरी,
सबका मन मोह लेती है।
हृदय में बस जाना मेरे,
की मुझको तेरी ज़रूरत है।
करुणामई माँ नेत्र ये तेरे,
राह नई दिखलाते है।
यूही राह दिखलाना मइया,
की मुझको तेरी ज़रूरत है।
बिंदिया तेरी चमकती मइया,
मन उज्जवल कर देती है।
सासों में बस जाना मइया,
की मुझको तेरी ज़रूरत है।
अष्ट भुजाएँ तेरी मइया,
कष्टों को हर लेतीं है।
दिल से अपने लगा ले मइया,
की मुझको तेरी ज़रूरत है।
शक्ति का तुम पुंज हो मइया,
नौ रूपों में रहती हो।
सब भक्तों पर कृपा दिखाना,
की सबको तेरी ज़रूरत है।
— गीता पांडे
करुणामई माँ नेत्र ये तेरे,
राह नई दिखलाते है।
यूही राह दिखलाना मइया,
की मुझको तेरी ज़रूरत है।
बिंदिया तेरी चमकती मइया,
मन उज्जवल कर देती है।
सासों में बस जाना मइया,
की मुझको तेरी ज़रूरत है।
अष्ट भुजाएँ तेरी मइया,
कष्टों को हर लेतीं है।
दिल से अपने लगा ले मइया,
की मुझको तेरी ज़रूरत है।
शक्ति का तुम पुंज हो मइया,
नौ रूपों में रहती हो।
सब भक्तों पर कृपा दिखाना,
की सबको तेरी ज़रूरत है।
— गीता पांडे