कविता

समय बदलता है

समय सबका आता है,
समय सब बदल देता है ।
उम्मीद का दामन क्यो छोड़े
हर चीज़ बदलती है ।।

नन्हा पौधा भी बदलता है,
बनता वो वृक्ष है
देता फूल फल है ,
बदलता है जब वो ,
नही देता फल फूल

इंसान भी बदलता है
बच्चे से बड़ा होता है
वंश को फूल देता है ,
बदलता है वो उम्र होने पर,
तब नही देता वो सब सुख ,

हालात भी बदलते है देखो
आज नही सुकून है तो क्या,
दुआ करो यह वक्त जल्द निकले ,
आए खुशी वाले दिन जल्द
यह वक्त भी ढल जाए जल्द

सब बदलता है दोस्तो
साथ बनाये रखो,
दिल मे प्यार रखो
दुआओं को निकलते रहने दो
यह वक्त भी निकल जाएगा ।।

डॉ सारिका औदिच्य

*डॉ. सारिका रावल औदिच्य

पिता का नाम ---- विनोद कुमार रावल जन्म स्थान --- उदयपुर राजस्थान शिक्षा----- 1 M. A. समाजशास्त्र 2 मास्टर डिप्लोमा कोर्स आर्किटेक्चर और इंटेरीर डिजाइन। 3 डिप्लोमा वास्तु शास्त्र 4 वाचस्पति वास्तु शास्त्र में चल रही है। 5 लेखन मेरा शोकियाँ है कभी लिखती हूँ कभी नहीं । बहुत सी पत्रिका, पेपर , किताब में कहानी कविता को जगह मिल गई है ।