कविता

अगर तुम मिल गये

अगर तुम मिल गये
तो मेरी जिंदगी में
बहार आयेगी
मेरी उजड़ी जिंदगी
फिर से हरी-भरी
हो जायेगी
          *
तुम ही मेरे दिल
में रहते हो
कुछ तो बोलो?
हमेशा चुप रहते हो
          *
तुम पर टिकी हैं
मेरी सारी आशाएं
तुम्हारे बिन अब
जिया न जाये
          *
तुम जरूर मिलोगे
ये विश्वास है
क्योंकि खुदा नहीं
करता सच्चे प्रेमियों
को निराश है
          *
तुम्ही मेरा प्यार
तुम्ही मेरी पूजा
केवल तुम्हारी चाहतें है
नहीं चाहिए कोई दूजा
          *
मैंने जिसको चाहा है
उसको पाया है
तुमसे पहिले मेरी
जिंदगी में कोई
नहीं आया है
—  डॉ प्रताप मोहन “भारतीय”

डॉ. प्रताप मोहन "भारतीय"

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