गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल

जीवन के हैं रंग बहुत,
गहरे कम बदरंग बहुत ।
दुनिया के मेले में यारो,
प्यार है थोड़ा जंग बहुत।
मंजिल तक जाने की राहें,
होतीं अक्सर तंग बहुत।
होती हैं संवाद ग़ज़ल,
कहने के हैं ढंग बहुत।
दु:ख में कोई साथ नहीं,
सुख में होते संग बहुत।

डॉ. रामबहादुर चौधरी 'चंदन'

जन्म--01 जुलाई1948 फुलकिया ,बरियारपुर ,मुंगेर ,बिहार पिन--811211 मोबाइल--8709563488 , 9204636510 आजकल ,हंस, गगनांचल कादम्बिनी, समकालीन भारतीय साहित्य, वर्तमान साहित्य ,आथारशीला ,नया ज्ञानोदय ,सरीखी साहित्यिक पत्रिकाओं में बराबर स्थान मिला है । आकाशवाणी एवं दूरदर्शन से रचनाऐं प्रसारित । सम्प्रति --पूर्व प्राचार्य स्वतंत्र लेखन