ग़ज़ल
जीवन के हैं रंग बहुत,
गहरे कम बदरंग बहुत ।
दुनिया के मेले में यारो,
प्यार है थोड़ा जंग बहुत।
मंजिल तक जाने की राहें,
होतीं अक्सर तंग बहुत।
होती हैं संवाद ग़ज़ल,
कहने के हैं ढंग बहुत।
दु:ख में कोई साथ नहीं,
सुख में होते संग बहुत।