कविता

मेरी माँ

तू है ममता की प्यारी मूरत,
सबसे अच्छी है तेरी सूरत।
ओ मेरी माँ, ओ मेरी माँ…….

तेरे कदमों में है सारा जहाँ,
तुझसे प्यारा और कोई कहाँ।
ओ मेरी माँ, ओ मेरी माँ…….

सदा मुसीबतों से तूने बचाया,
जीने के काबिल मुझे बनाया।
ओ मेरी माँ, ओ मेरी माँ…….

बिन तेरे ये दिल बेचैन रहता,
आँचल में तेरे सुकून मिलता।
ओ मेरी माँ, ओ मेरी माँ……….

संसार का हर इक रिश्ता देखा,
तेरे जैसा प्यार कहीं नहीं देखा।
ओ मेरी माँ, ओ मेरी माँ……….

तुझमें ही मिलते हैं चारो धाम,
पैर छूने से बन जाते सारे काम।
ओ मेरी माँ, ओ मेरी माँ……..

नवनीत कुमार शुक्ल(शिक्षक)
रायबरेली, उत्तर प्रदेश
मो.न.- 9451231908(वाट्सएप)

नवनीत शुक्ल

शिक्षक/सम्पादक रायबरेली-उत्तर प्रदेश मो.न.- 9451231908 शिक्षक