कविता

बुद्ध

सुख-दु:ख का सम भाव है
बुद्ध…
सांसारिक कैद से मुक्ति का मंत्र है
बुद्ध…
ज्ञान, ध्यान, विचार का सागर है
बुद्ध…
अपार उतार-चढ़ाव में न डिगे वह नौका है
बुद्ध…
मोह- माया का संपूर्ण त्याग है
बुद्ध…
इंसानी इच्छाओं का पूर्ण त्याग है
बुद्ध…
मानवरूप से देवरूप को प्राप्त हो जाना ही है
बुद्ध…
वैराग्य, महा वैराग्य को प्राप्त हो जाना ही है
बुद्ध…
संसार में आसान नहीं है
बुद्ध बनना !
— मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

नाम - मुकेश कुमार ऋषि वर्मा एम.ए., आई.डी.जी. बाॅम्बे सहित अन्य 5 प्रमाणपत्रीय कोर्स पत्रकारिता- आर्यावर्त केसरी, एकलव्य मानव संदेश सदस्य- मीडिया फोरम आॅफ इंडिया सहित 4 अन्य सामाजिक संगठनों में सदस्य अभिनय- कई क्षेत्रीय फिल्मों व अलबमों में प्रकाशन- दो लघु काव्य पुस्तिकायें व देशभर में हजारों रचनायें प्रकाशित मुख्य आजीविका- कृषि, मजदूरी, कम्यूनिकेशन शाॅप पता- गाँव रिहावली, फतेहाबाद, आगरा-283111