गीत/नवगीत

गीत – शील है अधमरा (झूलना छंद-द्वितीय)

मातु   कमलासिनी,  दुष्टता  नासनी,
                     प्रीति संभाषणी, क्यों न हेरी।
दम्भ सेआप्त दिन,काटतेआज गिन,
                    जिंदगी है कठिन,मातु मेरी।।
चण्ड़िका कालिका,दुष्टजन घालिका,
                    आमजन  पालिका, अब निहारो।
लालअबअक्ष कर,माँ भरो वक्ष डर,
                    न्याय का लक्ष्य शर, भव्य धारो।।
नेह का पट सिला,द्वेष का सिलसिला,
                    हो  रही  क्यों  भला,  आज  देरी।
दम्भ से आप्त दिन,काटते आज गिन,
                    जिंदगी   है  कठिन,  मातु  मेरी।।
मौन हैं कुंज वन,व्याप्त हैं दुख सघन,
                    हर जगह है घुटन,सत्य हारा।
रक्त  रंजित  धरा, कुंभ  विष से भरा,
                   शील  है  अधमरा, बंद कारा।।
सब  करें  स्मरण,क्यों  रुके हैं चरण,
                       धर्म  का  स्फुरण, द्वंद्व भेरी।
दम्भ से आप्त दिन,काटते आज गिन,
                      जिंदगी  है  कठिन, मातु मेरी।।
बेटियाँ   सर्वथा,  सह  रही  हैं व्यथा,
                     दर्द  की  हर  कथा, बोलती है।
धर्म    में   बाँटते, जाति   में  छाँटते,
                     वोट की  नीति  फिर,तोलती  है।।
मातु  अम्बालिके, भद्र  हे  कालिके,
                     कब  लगेगी  यहाँ, मातु  फेरी।
दम्भ से आप्त दिन,काटते आज गिन,
                     जिंदगी  है  कठिन, मातु  मेरी।।
पूछतीं  निर्भया, सुप्त है क्यों दया,
                    लुप्त क्यों हो गया,धर्म प्यारा।
गाँव की हर गली, हो गयी मनचली,
                     नित्य  जातीं  छली,  बेसहारा।।
बंद सबके अधर,हो गये मंद स्वर,
                    सोचिए  अब ‘भ्रमर’, लाज टेरी।
दम्भ से आप्त दिन,काटते आज गिन,
                    जिंदगी  है  कठिन, मातु  मेरी।।
— डाॅ. वीरेन्द्र प्रताप सिंह ‘भ्रमर’

डॉ. वीरेन्द्र प्रताप सिंह 'भ्रमर'

पिताश्री: स्व.श्री राम सिंह विशारद माताश्री: स्व.श्रीमती सरयू सिंह अर्धांगिनी: श्रीमती ममता सिंह जन्मतिथि: २५.१२ १९५६ शैक्षिक योग्यता- एम.ए(हिंदी,राजनीति),पी.एच.डी साहित्यिक - गीत एवं छंद ऋषि सम्प्रति: से.नि.प्राचार्य/प्राध्यापक- डायट साहित्य विधा- छांदस गीत,गज़ल,अन्यान्य विधाएँ। प्रकाशित कृतियाँ- ( ०७ ) १- प्रश्नचिह्न,२-राखी,३-द्रोपदी विलाप,४-कल्याणी काली,५-सत्य की ओर,६- आराधिता,७- शब्दाक्रुथी। प्रेस में... छंदाक्रुथी भाग-१ पुरस्कार- प्रमुख: ब्रजभाषा-विभूषण(राजस्थान), पं.शिवदत्त चतुर्वेदी सम्मान (आगरा), काव्य-मनीषी (नाथ द्वारा), हिंदी वाचस्पति सम्मान (गोवर्धन), श्रीकृष्ण सरल सम्मान (भोपाल,म.प्र.), गुरु द्रोण सम्मान (दिल्ली) , तुलसी की सुगंध सम्मान ( हरियाणा ),कालीञ्जर सम्मान ( उ प्र.), गीत-ऋषि सम्मान ( एटा ),आदि। पता- पैलेस सूर्यवंशम् सीतापुर- चित्रकूट(उ.प्र.) पिन: २१०२०५ सम्पर्क सूत्र- ७७५५८२११६१,८७५६४४६६४५ (ह्वाटस्एप) ई-मेल- [email protected]