प्रयास
जब परिस्थितिया की आँधी झकझोर देती हैं,
तब लक्ष्य पाने की आकांक्षा प्रोत्साहन देती है।
चुनौतियों का सामना करके हम निखर जाते हैं,
ये प्रयास ही तो हैं जो हमें निपुण बनाते हैं।
हार के कड़वे अनुभव धैर्य की परीक्षा लेते हैं,
परन्तु सक्षम हमें बनाकर मधुर परिणाम देते हैं।
लगन की धरा परही सफलता के पौधे उग पाते हैं,
ये प्रयास ही तो है जो हमें निपुण बनाते हैं।
कभी- कभी निंदा भी हमें साहस से भर देती है,
संदेह भरी दृष्टि लोगों की और उत्साहित करती है।
वो सीख व्यर्थ नहीं होतेजो कठिन पल सिखाते हैं,
ये प्रयास ही तो हैं जो हमें निपुण बनाते हैं।
— दीप्ति खुराना