जम्मू-कश्मीर पर कांग्रेस की विकृत सोच एक बार फिर उजागर
वर्तमान में जब देश कोरोना महमाारी के खिलाफ एक निर्णायक जंग लड़ रहा है, उस समय कांग्रेस सहित विपक्षी दलों के नेता महज राजनीति ही कर रहे हैं। इस समय कांग्रेस पार्टी अपने अंदर की बगावतों व राज्यों में कलह से संकट में आ रही है, उसी के नेताओं के बयान उसके दिवालियेपन को ही उजागर कर रहे हैं। अब कांग्रेस पार्टी पीएम मोदी व बीजेपी सरकारों की छवि को नुकसान पहुंचाने के प्रयासों के बीच देशद्रोह पर उतर आयी है। यह पार्टी अब पूरी तरह से देशविरोधी हो चुकी है।
विगत दिनों जम्मू कश्मीर को लेकर कई हलचल दखने को मिली है। कोरोना काल में 6 माह के बाद गुपकार की बैठक हुई। लेकिन इन सबके बीच एक खबर जिसने देश के नागरिकों को एक बार फिर सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या अब दोबारा कांग्रेस को देश की सत्ता बागडोर सौंप देनी चाहिए तो उसका उत्तर नहीं में ही आ रहा है।
जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद-370 व 35-ए को हटाये जाने के बाद जम्मू कश्मीर के हालातों में लगातार सुधार हो रहा है। जब से अनुच्छेद-370 व 35-ए को हटाया गया है तब से पाकिस्तान भारत को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर लगातार घेरने की कोशिश कर रहा है। लेकिन यूएनएससी से लेकर जी-7 तक हर जगह पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी है। सभी अंतरराष्ट्रीय मंच इसे भारत का आंतरिक मामला बताकर पाकिस्तान की मांग को खारिज कर रहे हंै। एक प्रकार से पूरी दुनिया में जम्मू-कश्मीर को लेकर पाकिस्तान कहीं भी अपने पक्ष में समर्थन नहीं जुटा पा रहा है।
लेकिन अब पूरी दुनिया के सामने गिड़गिड़ा रहे पाकिस्तान को भारत के अंदर से ही समर्थन प्राप्त हो रहा है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह का एक क्लबहाउस चैट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें दिग्विजय सिंह कह रहे हैं कि अगर कांग्रेस सत्त्ता में आती है तो जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 को फिर से बहाल करने पर विचार करेंगे। भाजपा के आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने इस क्लबहाउस चैट को जारी किया है। राहुल गांधी के शीर्ष सहयोगी दिग्विजय सिंह एक पाकिस्तानी पत्रकार से कहते हैं कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो वे अनुच्छेद-370 को निरस्त करने के फैसले पर पुनर्विचार करेंगे। वास्तव में यही तो पाकिस्तान चाहता है।
कांगे्रस नेता के ताजा चैट से कांग्रेस पार्टी एक बार फिर संकट में घिर गयी है और भारी आलोचना का शिकार हो रही है। भारतीय जनता पार्टी व एनडीए में शामिल सभी दलों ने दिग्विजय सिंह के चैट की तीखी आलोचना की है। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा का कहना है कि अब कांग्रेस को अपना नाम बदल लेना चाहिए और वह नाम हो सकता है एंटी नेशनल कांग्रेस पार्टी। दिग्विजय सिंह के बयान का सबसे पहले स्वागत जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला ने किया। वर्तमान में जम्मू कश्मीर की स्थानीय राजनीति में फारुख अब्दुल्ला व गुपकार गठबंधन के नेताओं की जमीन लगातार खिसकती जा रही है तथा अब यह राज्य शांति की ओर अग्रसर है। वहां शांति एवं विकास की एक नयी धारा बह चली है।
यह भी महज संयोग ही है कि जब दिग्विजय सिंह की चैट वायरल हो रही थी, उसी दिन कश्मीर के सोपोर में आतंकी हमला होता है और चार लोग शहीद हो जाते हैं। कांग्रेस को सत्ता से दूरी सहन नहीें हो रही है। यही कारण है कि अब कांगे्रस के नेता हड़बड़ी में ऐसे आत्मघाती बयान दे रहे हैं, जिससे कांगे्रस को एक बार फिर आगामी चुनावों में भारी नुकसान होने जा रहा है। कांग्रेस नेता का बयान पाकिस्तानी सोशल मीडिया में टाप ट्रेंड कर रहा है। कांग्रेस पाकिस्तान के सहारे अपनी राजनीति को चमकाने का प्रयास कर रही है। सेकुलरवाद और मुस्लिम वोट बैंक के तुष्टिकरण का सबसे घिनौना चेहरा कांग्रेस का उजागर हो चुका है। अब बीजेपी कांग्रेस नेता के बयान को आगामी चुनावों में पूरी तरह भुनायेगी। इससे पूर्व जम्मू कश्मीर यूथ कांग्रेस के एक नेता का कहना था अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के सहयोग से वे लोग अनुच्छेद-370 की वापसी करवायेंगे जबकि फारुख अब्दुल्ला ने बयान दिया था कि चीन की सहायता से अनुच्छेद-370 की वापसी करायेंगे। अब ये सभी लोग पूरी तरह बेनकाब हो चुके हैं। कांग्रेस और गुपकार गठबंधन के आका पाकिस्तान में ही मिलते हैं।
जब पुलवामा में हमला हुआ, तो उसे महज दुर्घटना बताने वाले दिग्विजय सिंह ही थे और जब भारत ने बालाकोट स्ट्राइक करी, तो उस पर सबूत मांगने वाले कांग्रेसी राहुल गांधी ही थे। दिग्विजय सिंह का यह बयान बिल्कुल उसी तरह का है जब पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने अपने एक भाषण में कहा था कि देश के संसाधनों में मुसलमानों का 15 फीसदी हक है। मोदी सरकार देश का कोढ़ साफ करती है और कांग्रेस उसी मेें फिर से खाज करने लगती है। यही दल की वास्तविकता और विचारधारा हो गयी है।
कांग्रेस पार्टी देश की मूल जनभावना से कटती जा रही है। कांग्रेस को आज अनुच्छेद-370 की समाप्ति पर इंसानियत की याद आ रही है लेकिन तब उसकी इंसानियत और मानवता कहां चली गयी थी जब घाटी में कश्मीरी पंडितों का निर्मम नरसंहार किया गया था और उनकी बहू-बेटियों की सरेआम दुर्दशा की जा रही थी। जब जम्मू-कश्मीर में रोज आतंकी हमलों में सैकड़ो लोग शहीद हो रहे थे, तब कांग्रेस की मानवता कहां चली गयी थी। यह वही कांग्रेस है जिसके प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सियाचिन ग्लेशियर पाकिस्तान को देने जा रहे थे लेकिन तब भारतीय सेना की दृढ़ता के आगे उनकी एक न चल सकी थी। आज कांगे्रस पार्टी पूरी तरह पाकिस्तानपरस्त हो चुकी है और यह जाहिर हो चुका है। कांग्रेस को देशहित में किय जा रहे बड़े काम अच्छे नहीं लग रहे। यह तीन तलाक का भी विरोध करती है और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का भी लगातार विरोध करती है और सीएए का भी। हिंदू तालिबान और पाकिस्तान जैसे शब्दों का निर्माण कांग्रेस की डिक्शनरी में ही होता है। कांग्रेस पूरी तरह से हिंदू विरोधी, भारत विरोधी पार्टी बन चुकी है। यह भारत को खंड-खंड में विभाजित होते देखना चाहती है। कांग्रेस के नेता भारतीय सेना की छवि को भी खराब करते रहते हैं। लेकिन हर प्रयास में कांग्रेस की ही छवि खराब हो जाती है।
आज जम्मू-कश्मीर में विकास के एक नये सूरज का उदय हो रहा है। राज्य में पहली बार शांतिपूर्वक भारी मतदान के साथ पंचायत चुनाव कराये गये। पत्थरबाज अब नहीं दिखायी पड़ रहे। अब राज्य में अलगाववादियों की ओर से होने वाले हिंसक प्रदर्शन भी बंद हो चुके हैं। जब अनुच्छेद-370 वहां पर लागू था तो उसकी आड़ में वहां की सरकारें विकास के धन की लूट खसोट व ऐयाशी में ही खर्च करती रहती थीं। 370 की आड़ में भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा थी और केंद्र सरकार की किसी भी योजना का लाभ वहां के आम नागरिकों को नहीं मिल पाता था। अब परिस्थितियां बिल्कुल बदल चुकी हैं और यही बात डूबते हुए टाइटैनिक जहाज के समान कांग्रेस, गुपकार समूह को हजम नहीं हो रही है। अब ये लोग समझ रहे हैं कि हम लोग चीन व पाकिस्तान के सहारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को डरा धमकाकर अनुच्छेद-370 की बहाली करवा लेंगे।
अब ऐसा सपना देखने के लिए गद्दार व देशद्रोही कांग्रेसी नेताओं व गुपकार समूह के नेताओं को सौ बार जन्म लेना होगा, लेकिन तब तक पाकिस्तान दुनिया के नक्शे से समाप्त हो चुका होगा और भारत की राजनीति से कांग्रेस का नाम भी समाप्त हो चुका होगा। कांग्रेस अब पूरी तरह से ऐंटी नेशनल कांगे्रस हो चुकी है तथा दिग्विजय सरीखे नेताओं की एनआईए जांच जरूरी हो गयी और ऐसे तत्वों पर उप्पा कानून के तहत कार्यवाही होनी ही चाहिये। दिग्विजय सिंह के बयान से एक बात और निकल रही है कि एक ओर जहां आतंकवाद का संरक्षक व पालक होने के कारण पाकिस्तान पूरी दुनिया से जीवित रहने के लिए भीख मांग रहा है, उसी तरह कांग्रेस को भी आने वाले दिनों में देश की जनता से एक-एक वोट के लिये भीख मांगने के लिये तैयार हो जाना चाहिए। अगर कल जम्मू कश्मीर सहित देश के किसी भी हिस्से में कोई अप्रिय घटना घटती है, तो उसके लिए कांग्रेस को ही जिम्मेदार माना जायेगा। कांग्रेस सत्ता में वापसी के लिए पाकिस्तान से सहयोग मांग रही है। उसे देश से माफी मांगनी चाहिए, लेकिन वह ऐसा नहीं कर सकती। कांग्रेस बीजेपी पर पाकिस्तान- पाकिस्तान करने का आरोप लगाती है जबकि वह स्वयं पाकिस्तान व चीन की गोद में जाकर बैठ गयी है।
— मृत्युंजय दीक्षित