गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल

रदीफ हो न हो पर काफिया जरूरी है
दवा तो सिर्फ दवा है दुआ जरूरी है

ये और बात कि अनुभव को शब्द मिल जायें
मगर असर के लिए फलसफा जरूरी है

गुलों के रंग की चर्चा कोई करे न करे
मगर गुलों की महक फैलना जरूरी है

नमाजियों को भले याद वो रहे न रहे
पर आम जलसे में जिक्रे खुदा जरूरी है

किसी के सामने वो बेसबब नहीं आता
हमार उससे मगर सामना जरूरी है

वो मेरे हाथ ही रेखाओं में है ‘शान्त’ जरूर
पर उसका ध्यान में होना बड़ा जरूरी है

— देवकी नन्दन ‘शान्त’

देवकी नंदन 'शान्त'

अवकाश प्राप्त मुख्य अभियंता, बिजली बोर्ड, उत्तर प्रदेश. प्रकाशित कृतियाँ - तलाश (ग़ज़ल संग्रह), तलाश जारी है (ग़ज़ल संग्रह). निवासी- लखनऊ