कविता

अमर सपूतो

भारत माँ के अमर सपूतो तुम्हें सलामी देतीं हूँ,
धरती माँ के वीर सपूतो तुम्हें सलामी देतीं हूँ।

जिस माटी में पैदा हुए हो उसको वंदन मेरा,
दूजा वंदन मेरा उनको जिनकी कोख में पले हो तुम।

आजादी के परवाने तुम शौर्य पराक्रम तुम से ही।
ऐसा विराट हृदय दिया जिनको नमन करूँ मैं उनको।

लेह-लद्दाख और सियाचिन में डेरा तुमने डाला,
बर्फ की चादर ओढ के तुमने दुश्मन को पछाड़ा।

धरती माँ के वीर सपूतों नमन है मेरा तुमको,
इस माटी के वीर हो सच्चे नमन है मेरा तुमको।

सीना चीर के दुश्मन को साहस तुमने दिखाया,
अपनो की परवाह न करके देश को तुमने बचाया।

भारत माँ के अमर सपूतो तुम्हें सलामी देतीं हूँ,
धरती माँ के वीर सपूतो तुम्हें सलामी देतीं हूँ।

जय हिंद

— सुमन किमोठी

सुमन किमोठी

ग्राम/पो• भिकोना नागनाथ पोखरी चमोली pin code 246473