त्यौहार रक्षाबंधन का
प्रीत के धागों से बंधा
स्नेह का सागर छलकाता
त्यौहार रक्षाबंधन का
सारे संसार में अनूठा
कच्चे धागों की मजबूती इस्पात सी
त्यौहार रक्षाबंधन का
सावन की फुहार
भाई-बहन का प्यार
त्यौहार रक्षाबंधन का
मेघों का मधुरिम संगीत
धरती का श्रृंगार
त्यौहार रक्षाबंधन का
इस पावन त्यौहार को
नजर लगी अब आधुनिकता की
त्यौहार रक्षाबंधन का
कभी स्नेह भरा था
अब बाकी रह गया दिखावा
त्यौहार रक्षाबंधन का
स्नेह के धागे सिसक रहे
राखी की असली पहचान हुई धूमिल
त्यौहार रक्षाबंधन का…
— मुकेश कुमार ऋषि वर्मा