हरितालिका
विधा- तांका
1.
सावन आयो
हरितालिका लायो
रिमझिम सा
बरसता सावन
महकता सा मन।
2.
रंग बिरंगी
चूड़ियां खनकती
हाथों में मेरे
बंया कर रहीं हैं
चहलकदमी सी।
3.
कर श्रंगार
परी सी लागे नारी
धीरज धर
सयंम तो बरत
पड़े हर पे भारी।
मौलिक
नूतन गर्ग (दिल्ली)