भजन/भावगीत

हे ईश्वर !

हे ईश्वर ! मैं निज स्वार्थ को मिटा दूं ।
इस दुनिया में प्रेम का दीप जला दूं ।।
लेकर तेरा ही नाम, नेक कर्म करूं ।
दुनिया में झमेले बहुत, हरगिज न डरूं ।।
तेरा ही पावन नाम हृदय में बसाए रखूंगा ।
संसार की मोह-माया में कभी न फसूंगा ।।
अब बस तुझी से लगी है आस मेरी ।
पतझड़ रुपी जीवन में कृपा बरसेगी तेरी ।।
मेरी सांस-सांस सिमरन करती तुमको ।
मेरा रोम-रोम पुलकित, दर्शन देदो मुझको ।।
हे ईश्वर ! मैं निज स्वार्थ को मिटा दूं ।
इस दुनिया में प्रेम का दीप जला दूं ।।
हिचकोले लेती मेरी टूटी-फूटी नैया ।
मेरे प्रभु तुम्हीं हो इसके खिवईया ।।
क्षण – क्षण डूब रहा, पार लगाओ ।
प्रभु चरणों का दास, मुझे बचाओ ।।
— मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

नाम - मुकेश कुमार ऋषि वर्मा एम.ए., आई.डी.जी. बाॅम्बे सहित अन्य 5 प्रमाणपत्रीय कोर्स पत्रकारिता- आर्यावर्त केसरी, एकलव्य मानव संदेश सदस्य- मीडिया फोरम आॅफ इंडिया सहित 4 अन्य सामाजिक संगठनों में सदस्य अभिनय- कई क्षेत्रीय फिल्मों व अलबमों में प्रकाशन- दो लघु काव्य पुस्तिकायें व देशभर में हजारों रचनायें प्रकाशित मुख्य आजीविका- कृषि, मजदूरी, कम्यूनिकेशन शाॅप पता- गाँव रिहावली, फतेहाबाद, आगरा-283111