लोरी
सोजा रे मेरे मुन्ना राजा सो जा रे,
आँख मूँद के सुंदर सपनों में खो जा रे।
कौशल्या ने सुनायी थी लोरी,
अपने नयन तारे राम को।
यशुमति ने पालने में कभी,
झुलाया था अपने दुलारे श्याम को।
मेरा कहना मान के बेटा,
तू राम-श्याम हो जा रे।
सो जा रे….।
दुनिया की फुलवारी में,
खिलना तुम फूल बन के।
किसी के तन को बेटा,
न चुभना तुम शूल बन के।
सारे जग को मेरा राजा बेटा,
अपनी महक में डूबो जा रे।
सो जा रे….।
नौ महीने मेरी कोख में रहा,
बेटा तू मेरी तकदीर है।
हँसता है अपने बाप जैसा,
आखिर तू उसी की तस्वीर है।
कहती हूँ मैं निंदिया को,
अब सुंदर हार पिरो जा रे।
सो जा रे….।
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— टीकेश्वर सिन्हा “गब्दीवाला”