डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन
शिक्षक शिल्पकार होता, जीवन सजाता है
वह मेहनत से स्वर्ण को कुन्दन बनाता है
बागों का माली वह शिष्य सभी पुष्प सम
शिक्षा से सिंचित कर उपवन महकाता है।
ऐसे हीं शिक्षक सर्वपल्ली राधा कृष्णन थे
युग के प्रणेता थे वह ज्ञान पुंज दर्पण थे
सबके चहेता बन दर्शन विद्या धारण कर
व्याख्याता महान थे विद्या से संपन्न थे।
विज्ञान धर्म और संस्कृति के बड़े रक्षक थे
नई शिक्षा नीति द्वारा युग के प्रवर्तक थे
उनसे सुशोभित हुआ भारत रत्न सम्मान
सही मायने में वह संस्कृति के रक्षक थे।
हिंदूस्तान का परचम जगत लहराए थे
विश्व गुरु भारत को फिर से वह बनाए थे
भारत के राष्ट्रपति संविधान के ज्ञाता वह
ज्ञान पुंज रोशनी सारे जग में फैलाए थे।
शत शत नमन करते आज हम सभी
आप सबके दिल में रहते भूलेंगे न कभी
धन्य हैं आप आपका कृति ज्ञान भरा
आपके बताए राह पर चले हम अभी
ममता सिंह
नॉएडा