कविता

नव – वर्ष

उत्साह की बेला उमड़ रही,
प्रतिपल घट रहा कुछ नया,
बीत रहा हर क्षण नवबर्ष के
आगमन का इंतजार कर रहा
खुशियों का मेला सजता देख
यह मन प्रफुल्लित हो रहा ।।

बीते इस वर्ष में हमने गिन गिन
कितनी घड़ियां घर बैठे बिताई
कोई तो हो जो कहे ये हमसे ,
अब और न संकट कोई रहा !
कितने ही घर मिट गए है पूरे
कितनो का सब कुछ खो गया ।।

परमेश्वर से हाथ जोड़ कर ,
कर रहे सभी यही प्रार्थना !
नव वर्ष मैं नव निर्माण हो
नवीन हो सभी में चेतना ,
महामारी का हो विनाश अब
बस और न हो कोई भी फना ।।

नवीन वर्ष में प्रवेश हमारा
नए अनुभवों की अनुभूति से ,
हो पूर्ण रूप से यह भरा हुआ!
फिर हो उत्साह आगे बढ़ने का
फिर से नवीन कुछ करने का
हो जिज्ञासाओं से भरा हुआ ।।

— प्रतिभा दुबे

प्रतिभा दुबे

(स्वतंत्र लेखिका) माता का नाम :– श्रीमती कमलेश शर्मा पिता का नाम:– स्वर्गीय श्री राजेंद्र प्रसाद शर्मा जन्मतिथि :– 13/08/83 जन्म स्थान :– ग्वालियर मध्य प्रदेश पता :–माधवगंज महाराज बड़ा मध्य प्रदेश ग्वालियर मोबाइल 8109159541 पिन कोड 474001 B.Sc. computer science (University) Gwalior PGDCA in computer science (KRG college) लेखन कार्य में अभिरुचि साथ ही सीखने की जिज्ञासा रखती हूं । प्रकाशन - सिद्धि कलश मासिक पत्रिका में प्रकाशन , हम हिन्दुस्तानी साप्ताहिक पत्रिका में प्रकाशन जारी, अंश केसरी , नव भारत , गुरुग्राम पत्रिका , poetry club , ‌Delhi women express, खबर वाहिनी, मुंबई अमरदीप , सबुरी टाइम्स ,असल न्यूज ,जनतंत्र गाथा देव दूत पत्रिका ,प्रोपर न्यूज , दैनिक भास्कर आदि सम्मानित प्रकाशन मैं प्रकाशित ।। सम्मान - साहित्य सिद्धि सम्मान , सामाजिक कार्यकर्ता , संरक्षक आदि सम्मान से सम्मानित।