नया गठबंधन है, नए रिश्तों की शुरुआत भी।
खुशनुमा माहौल है, महक रहे जज्बात भी।
जागती आँखें, देख रही आज, इन्द्रधनुषी सपनें,
तुम मिले, हो गए, सोने से दिन, चाँदी सी रात भी।
हम थे कभी अजनबी, जन्मों के हमसफर बने,
राह में फूल बिछे,सजी है सितारों सी बारात भी।
सब कुछ था, फिर भी कोई कमी सी थी, तेरे वगैर,
हम ने चुना एक दूजे को,और बन गई बात भी।
ये वादियां, ये झील, ये साहिल,ये झूमते आबशार,
सब गवाह है, के मिला तुम्हारा हसीन साथ भी।
— ओमप्रकाश बिन्जवे”राजसागर”