ग़ज़ल
गीत खुशी के गा लेते हैं
गाकर जी बहला लेते हैं
आप अगर दें साथ हमारा,
चलिए मंजिल पा लेते हैं
वक्त का एक इशारा पाकर,
नजरें लोग घुमा लेते हैं
औरों के दुख दर्द बाँटकर
अपना उन्हें बना लेते हैं
नया वर्ष आया है द्वारे
बढ़कर गले लगा लेते हैं
चुप रहकर अच्छे शेरों पे
‘शान्त’ से वो बदला लेते हैं
— देवकी नन्दन ‘शान्त’