शब्द
भावों की अभिव्यक्ति का….
माध्यम हैं शब्द,
विचारों की क्रांति का……
साधन हैं शब्द,
मधु सम मधुरता का……
भण्डार हैं शब्द,
विष सी तीव्रता का……
समाहार हैं शब्द।
एक याची के हृदय का……
आभार हैं शब्द,
अभिमानी के अभिमान का…
प्रमाण हैं शब्द,
प्रेम अथवा द्वेष का…….
आधार हैं शब्द,
कभी पुष्प तो कभी…….
कटार हैं शब्द।
हमारे सम्पूर्ण व्यक्तित्व के….
परिचायक हैं शब्द,
प्रत्येक श्रेष्ठ कृति के……
नायक हैं शब्द,
हों कर्णकटु तो मानव का….
विकार हैं शब्द,
अन्यथा सुंदर, कोमल…..
विचार हैं शब्द।
पहुँचाकर भावों का सन्देश….
अपना कर्त्तव्य निभाते हैं,
अर्थ समझ लें कोई इनका….
तभी सार्थक बन जाते हैं,
हैं मनुष्य तो मनुष्यता का…
परिचय भी दिया करें,
सदैव सोच समझकर ही….
शब्द प्रयोग किया करें।
— दीप्ति खुराना