पढ़िये समझिये सोचिए
चुनावी दौर शुरू हो गया है दल बदलु के चेहरे सामने आ रहे हैं। कल तक जो अपने दल की महिमा का गुणगान करते थे उसकी लहर में सांसद बने थे एक तरह से उसके माध्यम से नमक खा रहे थे वो टिकट न मिलने पर स्वयंम् को या अपने परिजन को अच्छी पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टी में जा रहे हैं। और जिसके अब तक गुण गाते थे उसमें कीड़े खोज रहे है। अभी एक महामहिम ने इसलिए दल बदल लिया कि उनके बेटे को टिकट मिलने की आशा नहीं रही। जबकि वह खुद सांसद है उनकी बेटी सांसद है अब वो राजनैतिक वंश को आगे बढ़ाना चाहते हैं। धन्य है वह लोग जो कल तक हिन्दू थे आज मुसलमान हो गये।
ब्राह्मण भूले नहीं होंगे कि कल तक बसपा का नारा था क्षत्री माफ बनिया हाफ और ब्राह्मण साफ। और मायावती जी भी नहीं भूली होंगी। कि एक समय गैस्ट हाउस में उनकी इह लीला समाप्त करने का पुरा प्रबन्ध हो गया था। तब भाजपा ने उन्हें बचाया। इसी प्रकार किसान भी नहीं भूले होंगे। कि मुजफ्फरनगर के दंगे में सपा के शासन में उनके ट्रैक्टर ट्राली नहर में फेंक दी थी। मुस्लिम लोगों ने जी भर कर कहर ढ़ाया था। हिन्दुओं का कत्ल हुआ था। डर के मारे लोगों ने केराना से पलायन कर दिया था। गुरूगोविन्द सिंह के अनुयायी सिंख भाई नहीं भूले होंगे कि इन्दरागांधी के बाद कैसा कत्लेआम मचा था।
वर्तमान की याद दिलाता हूँ। यह भी आप कभी नहीं भूलेंगे कि वर्तमान शासन काल में विकास का कितना कार्य हुआ है। सड़के चौड़ी हो रही है अस्पताल खुल रहे हैं। किसानों के खातों में पैसा आ रहा है। मकान बनाने के लिए पैसा दिया जा रहा है। चिकित्सा सुविधाऐं बेहतर हो रही हैं। ई-श्रम कार्ड बन रहे हैं काले कुबेर पकड़े जा रहे है। गौशालाऐं खुल रही हैं अन्य देशों के मुकाबले मोदी जी के प्रयास से कोरोना पर कब्जा पा लिया गया। विशेष बात भूलना मत जहाँ जहाँ भाजपा का शासन था वहाँ वहाँ कोरोना की महामारी कम हुई। और जहाँ जहाँ भगवा का अपमान हुआ और सन्तों की हत्या हुई। वहाँ वहाँ कोरोना का कहर भयंकर रहा। जो काम मोदी जी ने कर उसकी सराहना पूरे विश्व में हुई। यह मोदी जी का ही सैन्य बल मनोबल तथा समयानुसार कार्य करने की सूझ भूझ का ही परिणाम है आज चीन भी भारत से डरता है। रूस और अमेरिका दोनों भारत के साथ है।
दल बदलु केवल दो कारणों से दल बदल रहे हैं।
1. पहला कारण बीजेपी के राज में न तो बीजेपी ने खाया और ना उन्हें खाने दिया। पाँच साल में एक भी दाँव नहीं लगा। दूसरी पार्टी में जाने से खाने का खिलाने का लाभ मिलेगा।
2. दूसरा कारण वंशवाद को बढ़ावा नही दिया। अतः पिता नाराज हो गये। कि पुत्र को टिकट नहीं मिल रहा।
3. इसके अतिरिक्त बहाने बहुत से हैं किन्तु कारण कोई और नहीं है।
जनता मूर्ख नहीं है अतः जनता को समझाने की आवश्यकता नही। लेकिन मूर्खां और गद्दारों को यह समझना चाहिए कि यदि भाजपा के हाथ से शासन निकल गया। और औरंगजेब के पिटठुओं के हाथ में पहुँच गया। तो फिर खाँ साहब के इशारे पर लवजेहाद शुरू हो जायेगा। हिन्दुओं का कत्लेआम या पलायन शुरू हो जायेगा। हिन्दुस्तान जो आज विश्व गुरू बनने जा रहा है। परिवर्तन की दशा में पतन की ओर जाने लगेगा। जो पैसा विकास कार्यों में लग रहा है। वह नेताओं की जेब में जाने लगेगा।
अतः पढ़िये सोचिये समझिये किस दल को जिताने में किसको अपने मत का दान देने में देश का हित है। आपका हित है आपकी बेटियों का हित है।
मेरा कर्तव्य है सावधान करना वो मैने कर दिया। अगर आपको यह बात पसंद आई हो तो इसे छपवाइये और जितनी आपकी सामर्थ है 100 अथवा 50 पर्चे छपवाईये और बटवाईये हिन्दु और मुसलमान दोनों के हित का ध्यान योगी जी ने रखा है अतः योगी को छोड़कर भोगी के पीछे भागना उचित नहीं है।
— हितेश कुमार शर्मा