राजनीति

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और विकास के सहारे भाजपा का प्रचार

प्रदेश में चुनावी सरगर्मियां अब लगातार तेज होती जा रही हैं। कोरोना महामारी के काल में चुनाव आयोग ने राजनैतिक दलों पर रैलियां, रोड शो पर रोक लगा रखी है। यही कारण है कि अब सभी दल वर्चुअल रैली कर रहे हैं और डोर-टू-डोर जाकर अपनी बातों को जनता के सामने कह रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी ने भी अपना चुनाव अभियान तेज कर दिया है। कार्यकर्ताओं में जोश, उत्साह और विश्वास भरते हुए ‘यूपी फिर मांगे भाजपा सरकार’ के नारे के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने चुनावी अभियान को गति दे दी है। गीत, संगीत और नये नारों के साथ भाजपा ने अपने प्रचार वाहनों को रवाना कर दिया है।
अभी सभी एजेंसियों के सर्वे में भारतीय जनता पार्टी ने समाजवादी पार्टी के साथ कड़े मुकाबले में बढ़त बना ली है और उम्मीदवारों के चयन व सहयोगी दलों के साथ गठबंधन आदि का काम भी लगभग पूरा हो गया है। अनेक सर्वे में मुख्यमंत्री योगी 41 से 47 प्रतिशत वोटों के साथ मुख्यमंत्री पद की पहली पसंद बने हुए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता के कई कारण हैं। अब तक के कार्यकाल में मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए उन पर भ्रष्टाचार व घोटालों का कोई आरोप लगा ही नहीं है। उनकी छवि एक स्वच्छ और ईमानदार नेता की है जिससे कहा जा रहा है कि फर्क साफ है, सोच ईमानदार है और काम भी दमदार रहा है। सोशल मीडिया पर भाजपा की ओर से बनवाये गये गीत काफी लोकप्रिय हो रहे हैं तथा वह बहुत ही पसंद किये जा रहे हैं। दूसरे नंबर पर कांग्रेस पार्टी का थीम सांग “मैं लड़की हूं, लड सकती हूं” भी खूब पसंद किया जा रहा है। हालांकि कांग्रेस की लड़की श्रीमती प्रियंका गांधी वार्डा चुनावी मैदान में उतरने की चाहत तो रख रही हैं, फिर भी वह लडने का साहस नहीं कर पा रही हैं।
भारतीय जनता पार्टी ने अपना चुनाव प्रचार 2017 से पहले हिंदू समुदाय के पलायन के लिए कुख्यात रहे पश्चिमी उप्र के कैराना जिले से प्रारम्भ किया है। प्रथम चरण का मतदान भी पश्चिमी उप्र में ही होने जा रहा है और जहां पर किसान आंदोलन का प्रभाव भी देखा गया है। पश्चिमी उप्र में किसान आंदोलन से उपजे हालातों, सपा-रालोद गठबंधन और जाट- मुसलमान एकता के नारे के गहरे प्रभाव के कारण बीजेपी ने कैराना से ही अपना अभियान शुरू किया है।
भाजपा की ओर से गृहमंत्री अमित शाह ने कैराना में घर-घर जाकर प्रचार किया और पलायन के बाद जिन लोगों ने घर वापसी की है उन सभी लोगों से मुलाकात भी की। शामली जिले में घर-घर सम्पर्क किया और मेरठ में बौद्धिक सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह प्रदेश और देश के भाग्य को तय करने का चुनाव है। 2014 में मोदी को चुनकर मतदाता ने बदलाव किया और 2017 में योगी को चुनकर। योगी जी के नेतृत्व में प्रदेश में विकास की गंगा बह रही है जबकि पूर्ववर्ती सरकारों ने प्रदेश को अपराध और भ्रष्टाचार के दलदल में धकेला। गृहमंत्री अमित शाह ने सम्मेलन में केंद्र व राज्य सरकार की उपलब्धियां बताते हुए सपा, बसपा और कांग्रेस सहित सभी दलों पर तीखे हमले बोले और कहा कि आज अयोध्या में गगनचुंबी राम मंदिर बन रहा है। काशी विश्वनाथ, मां विन्ध्यवासिनी, केदारनाथ, गंगोत्री, बदरीनाथ समेत कई मंदिरों पर भक्तों के लिए काम हो रहा है। गृहमंत्री अमित शाह अपने भाषणों में हिंदुत्व व विकास का तड़का लगा रहे हैं। गृहमंत्री अमित शाह अनुच्छेद-370 हटाने का उल्लेख भी उल्लेख कर रहे हैं।
वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी फर्क साफ है और ‘सोच ईमानदार, काम दमदार’ के नारे को अपनाकर चुनावी अभियान को गति दे दी है। वह कुख्यात अपराधियों के घरों पर बुलडोजर चलाने की बात लगातार कह रहे हैं, जिनसे जनता खुश हो रही है। वहीं अपराधियों के खिलाफ जिस प्रकार से योगी जी व उनकी टीम ने हल्ला बोल दिया है उससे समाजवादी खेमा कुछ सीमा तक दबाव में आ गया है। कारण यह है कि सपा की सूची में दंगाईयों व अपराधियों की भरमार है, जिनमें कैराना में पलायन का जिम्मेदार नाहिद हसन है तो रामपुर में वह आजम खां का साथ नहीं छोड़ पा रही? अब तक जितने भी टिकट सपा की ओर से दिये गये हैं सभी विवादों के घेरे में आ चुके हैं।
भारतीय जनता पार्टी का प्रचार हर क्षेत्र में अलग प्रकार का होगा, जिसमें पश्चिम में बीजेपी ने पलायन को ही अपना मुख्य मुददा बनाया है। पश्चिम में ही श्रीकृष्ण जन्मभूमि और मुजफ्फरनगर के दंगों के पन्ने भी खुल रहे हैं। बीजेपी को लग रहा है कि यही ऐसे ज्वलंत मुददे हैं, जिनसे पश्चिम में किसान आंदोलन की हवा को कुंद किया जा सकता है। अभी जो संकेत मिल रहे हैं उसमें कैराना और श्रीकृष्णजन्मभूमि का पर भी भव्य मंदिर बने जनता को आकर्षित तो कर रहा है और जिसके कारण यह लड़ाई 80 बनाम 20 की होती जा रही है। तीसरे से पांचवे चरण के बीच प्रचार के केंद्र में राष्ट्रवाद व विकास का एक्सप्रेस वे होगा। बुंदेलखंड में डिफेंस कारिडोर का निर्माण अवध में अयोध्या दीपोत्सव सहित भव्य राममंदिर का निर्माण भी मुख्य बिंदु रहने वाला है। हालांकि भाजपा अयोध्या, मथुरा व काशी सहित सभी मंदिरों के विकास का मुददा पूरे प्रदेश में उठा रही है।
भाजपा की ओर से बताया जा रहा है कि आज प्रदेश से अपराधियों का पलायन हो रहा हैं और लोगों की जमीनों पर कब्जा करने वाले माफियाओं पर बुलडोजर चलाया जा रहा है। आज प्रदेश में अपराधी रहम मांग रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जनसभाओं में बता रहे हैं कि जब उनकी सरकार बनी तो पहली कैबिनेट में ही अवैध बूचड़खानों को बंद किया गया और लड़कियों की सुरक्षा के लिए एंटी रोमियो स्क्वायड का गठन किया गया। जबकि समाजवादी सरकार में पहली कैबिनेट में अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि मंदिर पर हमला बोलने वाले आंतकियों की रिहाई का फैसला लिया गया था। भाजपा की ओर से बताया जा रहा है कि आज प्रदेश में विकास की गंगा बह रही है। एक समय था जब प्रदेश का राशन माफिया गरीबों के राशन को बांग्लादेश पहुंचा देता था, आज वही राशन प्रदेश के 15 करोड़ गरीबों तक आसानी से पहुंच रहा है। फर्क तो साफ है।
भाजपा के प्रचार में बताया जा रहा है कि कैराना को कश्मीर बनाने का सपना देखने वाले लोगों को हमने मुंहतोड़ जवाब दिया है। डबल इंजन की सरकार में बेटियां सुरक्षित हैं और अपराधी भयभीत हैं। सबके दम पर ही प्रदेश विकास के पथ पर अग्रसर हो रहा है। योगी सरकार ने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबके प्रयास के गुरुमंत्र को अंगीकार करते हुए गांवों के विकास गरीबों के उत्थान, किसानों की खुशहाली युवाओं के रोजगार और खेल और मातृशक्ति की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता के साथ काम किया है। यह बात बिलकुल सही है कि योगी सरकार में प्रदेश के विकास के नाम पर किसी का तुष्टिकरण नहीं किया गया है। विरोधी दलों के नेताओं ने अयोध्या में जमीन खरीद घोटाले सहित कोरोना काल में घोटालों के आरोप लगाये लेकिन वह सभी बेदम ही रहे हैं।
प्रदेश की भाजपा सरकार में किसानों, नौजवानों, महिलाओें, गरीबों और वंचितों की प्रगति हुई है। प्रदेश में पहली बार ओलम्पिक व पैराओलम्पिक विजेताओं का सम्मान किया गया और मेरठ में प्रदेश की पहली खेल यूनिवर्सिटी बनने जा रही है जिससे युवाओं में उत्साह व उमंग है। यह बात तो बिल्कुल साफ है कि बीजेपी राज में अपराधियों और गुंडों पर कड़ी कार्यवाही हो रही है। आम जनमानस में सुरक्षा की भावना भी कुछ हद तक प्रबल हुई है जिसका लाभ भाजपा को जनता के आशीर्वाद के रूप में मिल सकता है। अगर भाजपा कार्यकर्ता और संघ भी जनमानस को समझाने में सफल रहता है, तो भाजपा का तीन सौ सीट जीतने का दावा हकीकत भी बन सकता है।
— मृत्युंजय दीक्षित