कविता

कविता

समय के साथ ….
हर बात की ,
व्यवहार की ,
भाव की ,
परम्पराओं की,
सभ्यताओं की ,
प्रेम की,
रिश्तों की ,
सुख दुख की,
जिन्दगी जीने की ,
परिभाषा बदलती है ।
मायने बदलते है ।
कल तक जो महत्वपूर्ण था ,
एक समय के बाद  बेमतलब भी हो जाता है ।।
बहाव में बहते रहिये,
क्योकि टिके रहना जरूरी है ।।।
— रजनी चतुर्वेदी (बिलगैयां)

रजनी बिलगैयाँ

शिक्षा : पोस्ट ग्रेजुएट कामर्स, गृहणी पति व्यवसायी है, तीन बेटियां एक बेटा, निवास : बीना, जिला सागर