पेड़ हमारे जीवन साथी
पेड़ हमारे जीवन साथी,
उनसे प्रेम निभायेगें।
मानव की बहुमुल्य सम्पदा,
उसको दूर न कर पायेगें।।
इनकी न है जाति पाति,
न किसी से दुश्मनी।
प्रेम भाव से पलते रहते,
देते हमको संजीवनी।।
तेज धूप में छाया देते,
और देते है ईधन।
प्राण वायु हमको मिलती है
और मिलता है जीवन।।
ठंडी-ठंडीवायु देकर,
मन को शीतल कर देते।।
दूर -दूर से लाते बादल ,
वर्षा करके हरियाली लाते।।
इतना आदर सबका करके,
पक्षी को देते रैन बसेरा।।
पशुओं को खाने को देते,
और देते हैं उनको ढेरा।।
फल खाकर उनके हम,
बनाते है जीवन अच्छा।।
नही काँटेगें उनको हम ,
रखेगें अच्छा से अच्छा।।
फैली है उनकी दूर-दूर तक जड़ें,
रोंक लेती हैं मिट्टी।।
नीचे से पानी खींच लाती,
करती हैं नम मिट्टी ।।
पेड़ हमारे जीवन साथी,
उनसे प्रेम निभायेगें।।
— अशोककुमार