धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

ईश्वर का आशीर्वाद

बचपन से ही मैं एकांत प्रिय रहा हूं । ईश्वर में मेरी आस्था हमेशा से ही रही है । मैं गायत्री परिवार से भी जुड़ा रहा हूं । मैंने कई बार ईश्वरीय कृपा का अनुभव किया है ।  बारहवीं में जब पढ़ता था तब आर्य समाज के संपर्क में आ गया और राम-कृष्ण से थोड़ी आस्था कम हो गई, लेकिन पूर्णतः खत्म नहीं हुई ।  साधु संतों में श्रद्धा भी नहीं रही ।
घटना वर्ष 2021 के अंत की है । विधायक जितेंद्र वर्मा ने अपने गांव- विठ्ठोनी ( बाह-आगरा) में एक विशाल धार्मिक अनुष्ठान करवाया । हजारों साधु संत पधारे । भोजन प्रसाद पाने के लिए मैं भंडारे से एक दिन पहले ही अपने गांव के प्रधान के साथ कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गया था । हम लोगों ने विशाल कार्यक्रम स्थल को घूम- घूम कर देखा । हजारों साधु संतों के दर्शन किए । मुझे एक साधु बाबा ने आकर्षित किया । वे निर्वस्त्र थे और सबसे अलग अकेले ही यज्ञ में तल्लीन थे । मैंने उन्हें प्रणाम किया और मित्रों को बताया कि मुझे सभी साधुमंडली में ये बाबा ही सिद्ध बाबा लगते हैं ।
 दूसरे दिन भंडारे का शुभारंभ हो चुका था । प्रसाद व दान दक्षिणा गृहण करके वे साधु बाबा जाने की तैयारी करने लगे । हमारा सौभाग्य उसी समय हम लोग उनके तंबू पर पहुंच गये । उन्होंने प्रसाद के तौर पर अपने  छोटे से झोले में हाथ डाला और मुट्ठी भरकर   अच्छी गुणवत्ता वाली टाॅफीं निकालीं । बाबा जी ने बांटना शुरू किया तो लेने वाले खत्म हो गये पर उनके छोटे से झोले से टाॅफियां खत्म नहीं हुईं । वे हाथ डालते मुट्ठी भरकर निकाल लेते । ये चमत्कार नहीं बल्कि ईश्वर का आशीर्वाद था ।
 मैंने पहली बार अपनी आंखों से ये अद्भुत दृश्य देखा । एक छोटे से झोले में हजारों टाॅफियां कहाॅं से आ गईं… । साधु बाबा मुस्कुराते हुए अपने गंतव्य की ओर चले गये । उनका प्रसाद पाकर हजारों लोग आश्चर्यचकित थे ।
— मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

नाम - मुकेश कुमार ऋषि वर्मा एम.ए., आई.डी.जी. बाॅम्बे सहित अन्य 5 प्रमाणपत्रीय कोर्स पत्रकारिता- आर्यावर्त केसरी, एकलव्य मानव संदेश सदस्य- मीडिया फोरम आॅफ इंडिया सहित 4 अन्य सामाजिक संगठनों में सदस्य अभिनय- कई क्षेत्रीय फिल्मों व अलबमों में प्रकाशन- दो लघु काव्य पुस्तिकायें व देशभर में हजारों रचनायें प्रकाशित मुख्य आजीविका- कृषि, मजदूरी, कम्यूनिकेशन शाॅप पता- गाँव रिहावली, फतेहाबाद, आगरा-283111