कविता

कील

कील का आविष्कार
कब, कैसे, किस लिए हुआ होगा ?
कील का काम जोड़ना है,
जो बिखरे हैं
उन्हें एकत्रित करके
एक सुंदर व मजबूत नवीन निर्माण करना है ।
कील एक अच्छी सोच का आविष्कार है
परंतु लोगों ने इससे लहूलुहान करने वाले
कृत्य करने शुरू कर दिये हैं ।
कील की सहायता से सीढ़ी बनाई जाती है
और सीढ़ी से ऊंचाइयां छूईं जाती हैं
लेकिन लोग अब कीलों को रास्ते में बोने लगे हैं
बढ़ते कदमों को रोक ही नहीं रहे
उन्हें लहूलुहान भी कर रहे हैं ।
कील आदमी के विकास के लिए है
न कि विनाश के लिए …
— मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

नाम - मुकेश कुमार ऋषि वर्मा एम.ए., आई.डी.जी. बाॅम्बे सहित अन्य 5 प्रमाणपत्रीय कोर्स पत्रकारिता- आर्यावर्त केसरी, एकलव्य मानव संदेश सदस्य- मीडिया फोरम आॅफ इंडिया सहित 4 अन्य सामाजिक संगठनों में सदस्य अभिनय- कई क्षेत्रीय फिल्मों व अलबमों में प्रकाशन- दो लघु काव्य पुस्तिकायें व देशभर में हजारों रचनायें प्रकाशित मुख्य आजीविका- कृषि, मजदूरी, कम्यूनिकेशन शाॅप पता- गाँव रिहावली, फतेहाबाद, आगरा-283111