कविता

जड़

जड़ जिंदा है तो,
पेड़ हरा है
वो फलता- फूलता रहेगा
प्रकृति से जुड़ा रहेगा ।

ठीक ऐसे ही
इंसान जड़ रूपी
अपने परिवार से जुड़ा रहेगा तो,
इंसान के स्वयं का व परिवार, समाज, राष्ट्र, विश्व
सबका विकास संभव है ।

जड़ से कटकर
पेड़ या इंसान
दोनों ही निष्प्राण हो जायेंगे ।
जड़ से किसी भी कीमत पर अलग मत होइए
जड़ को अधिक से अधिक
गहरी व मजबूत कीजिए
ताकि सृष्टि का कण-कण नित महकता रहे
संसार का विकास में निरन्तर होता रहे
जड़ को जिंदा रखिये ।

— मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

नाम - मुकेश कुमार ऋषि वर्मा एम.ए., आई.डी.जी. बाॅम्बे सहित अन्य 5 प्रमाणपत्रीय कोर्स पत्रकारिता- आर्यावर्त केसरी, एकलव्य मानव संदेश सदस्य- मीडिया फोरम आॅफ इंडिया सहित 4 अन्य सामाजिक संगठनों में सदस्य अभिनय- कई क्षेत्रीय फिल्मों व अलबमों में प्रकाशन- दो लघु काव्य पुस्तिकायें व देशभर में हजारों रचनायें प्रकाशित मुख्य आजीविका- कृषि, मजदूरी, कम्यूनिकेशन शाॅप पता- गाँव रिहावली, फतेहाबाद, आगरा-283111