हनुमान जन्मोत्सव पर कविता
रूद्र शक्ति हनुमत स्वरूप
शत शत प्रणाम, शत शत प्रणाम, शत शत प्रणाम।
वज्र देह, रौद्र कर्म
शत शत प्रणाम, शत शत प्रणाम, शत शत प्रणाम।
पिंग नयन , नित नवीन,
राम पदलीन, अहं विहीन
शत शत प्रणाम, शत शत प्रणाम, शत शत प्रणाम।
शेष शक्ति के शक्ति स्त्रोत,
ब्रहम शक्ति केअतुल तेज,
शत शत प्रणाम, शत शत प्रणाम शत शत प्रणाम।
जनक सुता के ,
रामसेवक
जगत के प्रभू
शत शत प्रणाम, शत शत प्रणाम शत शत प्रणाम।
— स्व. सुशील कुमार दीक्षित