विरोधी ताकतों के हाथों न खेलें युवा
विगत कुछ वर्षों से देश के विरुद्ध एक नकारात्मक विमर्श बनाया जा रहा है। यह नकारात्मक नैरेटिव कोई और नही बल्कि सत्ता लोभी, वामपंथी, चीन व पाकिस्तान की सह पर पलने वाले कुछ चंद लोग हैं जो समय – समय पर भारतीय विद्यार्थी,, किसान, नौजवानों को भड़काकर देश विरोधी कार्य में संलग्न कर रहे हैं। इस बात को गहराई से समझने की आवश्यकता है। यह कुछ देश विरोधी ताकतें कभी सी ए ए कभी एन आर सी कभी किसानों के नाम पर कभी तीन तलाक आदि को लेकर नकारात्मक माहौल बना कर भोले- भाले लोगों को बरगलाकर राष्ट्र विरोधी कार्यों में प्रवत्त करते हैं जो देश में भयावह स्थिति उत्पन्न करते हैं।
देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 14 जून को ‘अग्निपथ’ नाम की योजना शुरू करने की घोषणा की। इसमें चार साल के लिए सशस्त्र बलों में युवाओं की भर्ती होगी। योजना के तहत चुने गए युवाओं को ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा और इस साल करीब 46 हजार युवाओं को सहस्त्र बलों में शामिल करने की योजना है। इससे देश के लाखों युवाओं का सेना में भर्ती होने का सपना साकार होगा इसके तहत थल सेना, नौसेना और वायुसेना के लिए युवाओं की भर्ती की जाएगी। अग्निपथ योजना के तहत युवाओं की भर्ती चार साल के लिए होगी। सेना में शामिल होने वाले जवानों को ‘अग्निवीर’ के नाम से जाना जाएगा। यहां गौर करने वाली बात ये है कि युवाओं के सेना में भर्ती होने के बाद सशस्त्र बलों की औसत उम्र में कमी देखने को मिलेगी। इसके अलावा, सैनिकों के रिटायर होने के बाद सरकार पर पेंशन का पड़ने वाला बोझ भी खत्म हो जाएगा। अग्निपथ योजना को टूर ऑफ ड्यूटी (Tour of Duty) भी कहा जा रहा है। यहां गौर करने वाली बात ये है कि सेना में शामिल होने वाले युवाओं को चार साल तक सेवा करने के बाद मोटी रकम के साथ रिटायर किया जाएगा। इसके अलावा, सरकार उनके आगे के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए उन्हें डिप्लोमा और सर्टिफिकेट दिया जाएगा। साथ ही व्यवसायिक समेत अन्य क्षेत्र में काम करने के लिए उनकी मदद भी की जाएगी। ऐसे में यह योजना युवाओं के विकास के लिए अच्छी योजना है। देश में सैनिकीकरण बढ़ेगा। अधिक से अधिक नौजवानों को सेना में कार्य करने का अवसर प्रदान होगा। आने वाले समय में हर एक नौजवान सैनिक होगा। किंतु दुर्भाग्व्य यह है कि कुछ लोग इसे नकारात्मकता से जोड़ कर युवाओं को राष्ट्र विरोधी कार्यों में जोड़ रहे हैं। अब जो युवा सेना में जाकर भारत मां की सेवा करने का संकल्प लेंगे आज वही युवा देश जला रहे हैं तो क्या उनसे अपेक्षा की जाए कि ऐसे लोग क्या देश भक्त बनेंगे? लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने का अधिकार प्राप्त है किंतु इन अधिकारों की आंड में देश जलाना, ट्रेन जलाना, बसों को क्षति पहुंचाना, आम नागरिक को परेशान करना , पत्थर फेंकना क्या देश भक्ति है? इस बात को सोचना चाहिए। इस प्रकार का कुक्रत्य करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। जिससे दुबारा ऐसी हरकत करने से पहले सौ बार उन्हें सोचना पड़े। यह लोग देश भक्त नहीं देश विरोधी हैं। आज जिस प्रकार का घिनौना कार्य किया जा रहा है वह निंदनीय है।