चाहत
चाहत है शिखर पर बैठकर आसमां छू लूँ।
मैं बादलों को हाथों मे लेकर,जी भर खेलूं।
मैं किरणों की कूची से चित्र निर्मित करूं
सुनहरे रवि से मांगकर चमकीला रंग ले लूँ।
पत्थरों से निकल झरना बन विस्तार पाऊं
जल बिंदु बनकर गहरे समुद्र में मिल लूं।
जंगल के ऊंचे ऊंचे वृक्षों की हरियाली बनूं
वो अपने आप ऊगे हुए सुंदर फूलों सा फूलूं।
नीलगिरि,नीम,पीपल,बरगद से सुकून लेकर ,
सरसराती श