कविता

राष्ट्र-धर्म

मानते इस राष्ट्र को हम,
अपने प्राणों से भी प्यारा।
राष्ट्र-धर्म से पूरित,
है सारे जग से यह न्यारा।।
दासता की बेड़ियों से,
किया मुक्त शहीदों की शहादत ने।
भोगकर कष्ट राष्ट्रभक्तों ने,
पाया सुख तब हम देशवासियों ने।।
पर… आज अपने ही कुछ लोग।
राज-पाट की अंधी चाह में,
स्वार्थपूर्ति की इच्छा से,
विचारते नहीं कभी देशहित में।।
बलिदानी शहीदों की,
रही अपेक्षा यही हम सबसे।
कि… रहें राष्ट्रीय जन प्यार से,
करें सेवा देश की सभी मन से।।
करते रहें दिल से याद उनको,
जिन्होंने देश-धर्म बचाया है।
और… करते रहें सम्मान सब उनका,
जिन्होंने राष्ट्र-गौरव बढ़ाया है।।
कर्म अगर सद्कर्म हो तो,
जीवन सुखी-संपन्न होता है।
राष्ट्र के प्रति समर्पण हो तो,
देश सुरक्षित अर विकसित होता है।
सदा राष्ट्र-धर्म का पालन हो तो,
देश निश्चित विश्व गुरु बन सकता है।
और… जीवन में सद्क्रियाशीलता हो तो,
इतिहास भी रचा जा सकता है।।
— शम्भु प्रसाद भट्ट ‘स्नेहिल’

शम्भु प्रसाद भट्ट 'स्नेहिल’

माता/पिता का नामः- स्व. श्रीमति सुभागा देवी/स्व. श्री केशवानन्द भट्ट जन्मतिथि/स्थानः-21 प्र0 आषाढ़, विक्रमीसंवत् 2018, ग्राम/पोस्ट-भट्टवाड़ी, (अगस्त्यमुनी), रूद्रप्रयाग, उत्तराखण्ड शिक्षाः-कला एवं विधि स्नातक, प्रशिक्षु कर्मकाण्ड ज्योतिषी रचनाऐंः-क. प्रकाशितःः- 01-भावना सिन्धु, 02-श्रीकार्तिकेय दर्शन 03-सोनाली बनाम सोने का गहना, ख. प्रकाशनार्थः- 01-स्वर्ण-सौन्दर्य, 02-गढ़वाल के पावन तीर्थ-पंचकेदार, आदि-आदि। ग. .विभिन्न क्षेत्रीय, राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की पत्र/पत्रिकाओं, पुस्तकों में लेख/रचनाऐं सतत प्रकाशित। सम्मानः-सरकारी/गैरसरकारी संस्थाओं द्वारा क्षेत्रीय, राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के तीन दर्जन भर से भी अधिक सम्मानोपाधियों/अलंकरणों से अलंकृत। सम्प्रतिः-राजकीय सेवा/विभिन्न विभागीय संवर्गीय संघों तथा सामाजिक संगठनों व समितियों में अहम् भूमिका पत्र व्यवहार का पताः-स्नेहिल साहित्य सदन, निकटः आंचल दुग्ध डैरी-उफल्डा, श्रीनगर, (जिला- पौड़ी), उत्तराखण्ड, डाक पिन कोड- 246401 मो.नं. 09760370593 ईमेल [email protected]