संजय ग्रोवर
शिक्षा-बी. कॉम.
संप्रति-स्वतंत्र लेखन,
बहुत-से छोटे-बड़े पत्र-पत्रिकाओं और वेबसाइटस् पर ग़ज़लें, व्यंग्य एवं अन्य रचनाएं प्रकाशित,
गूगल प्ले व अमेज़ॉन पर कई क़िताबें प्रकाशित
फ़ैशन-डिज़ाइनिंग व विज़िटिंग कार्ड डिज़ाइनिंग में भी रुचि,
रुचियाँ- पढ़ना, संगीत सुनना (लाइट एवं क्लासिकल)
प्रकाशनः
जनसत्ता, राष्ट्रीय सहारा, दै.हिन्दुस्तान, अमर-उजाला, दैनिक भास्कर, पंजाब केसरी, दैनिक जागरण, जेवीजी टाइम्स, दैनिक आज, राजस्थान-पत्रिका, अक्षर-भारत, हंस, कादम्बिनी, अन्यथा, मुक्ता, चंपक, बालहंस, कथादेश, सण्डे मेल वार्षिकी, समयांतर, अक्षरा आदि कई छोटे-बडे़ पत्र-पत्रिकाओं व (अनुभूति, अभिव्यक्ति, वेबदुनिया, शब्दांजलि, कलायन, साहित्यकुंज, रचनाकार, हिन्दी-नेस्ट, देशकाल, मोहल्लालाइव आदि) वेबसाइटस्, फ़ीचर एजेंसिंयों एवं आकाशवाणी/दूरदर्शन पर व्यंग्य-लेख, ग़ज़लें, कविताएँ, बालगीत, कार्टून व नारी-मुक्ति पर लेख प्रकाशित/प्रसारित।
गजल-संग्रहः 'खुदाओं के शहर में आदमी', एवं व्यंग्य-संग्रह 'मरा हुआ लेखक सवा लाख का' प्रकाशित।
विशेषः तकरीबन १५-१६ की आयु में हस्तलिखित सचित्र बाल पत्रिका 'निर्माण' का संपादन व चित्रांकन।
चिट्ठा- संवादघर www.samwaadghar.blogspot.com
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