गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल

इश्क़ में अब बग़ावत नहीं चाहिए
अब हमें तो शिकायत नहीं चाहिए
बस   हमारा रहे  साथ  यूॅं   ही बना
फिर  मुझे  ये    इमारत  नहीं चाहिए
साथ फिर से मिले हैं यहाॅं आज हम
क्यों भरोसा  सलामत  नहीं  चाहिए
बात  कोई भी’  हो  हम रहें साथ ही
बीच में   अब  क़यामत नहीं चाहिए
अब तुझे यह ‘शिवा’ मज़हबी ना करे
क्योंकि इसको मसाफ़त नहीं चाहिए
— अभिषेक श्रीवास्तव “शिवा”

अभिषेक श्रीवास्तव “शिवा"

पूरा नाम अभिषेक श्रीवास्तव, उप नाम - "शिवा" मूलतः मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले के निवासी हैं, इन्होंने कंप्यूटर विज्ञान के साथ अपनी स्नातक पूर्ण की है, और ये कंप्यूटर के साथ-साथ हिंदी साहित्य में भी काफी रुचि रखते हैं, ये अभी तक करीब 120 पब्लिश रचनाएं लिख चुके हैं ,यह लेखन और पाठन से संबंधित प्रतियोगिताओं और कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए उत्सुक रहते हैं। Insta:- @Shrivastava_alfazz