विरासत पर गर्व और विकास के प्रयास
भारतीय संस्कृति की दुनिया भर में अपन अलग छाप और छवि है । भारत की संस्कृति, गौरवशाली विरासत, विविधता और जीवन की खूबसूरती का अपना ही निराला व अनूठा अंदाज है । दुनिया भर के लोग भारत की संस्कृति और विविधता को करीब से देखने के लिए हर वक्त लालायित रहते है । ऐसे ही देश के दो बड़े सांस्कृतिक व धार्मिक आस्था के केन्द्र केदारनाथ व बदरीनाथ धाम चर्चा व विमर्श में है । क्योंकि 20 व 21 अक्टुबर को देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी केदारनाथ व बदरीनाथ धाम की दो दिवसीय यात्रा पर रहे । जहां उन्होंनें श्री केदार व श्री बदरी धाम के दर्शन व पूजा-अर्चना की । प्रधानमंत्री ने यात्रा के दौरान वहां चल रहे विकास कार्यां का जायजा लिया और आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान करते हुए आमजन का हौंसला बढ़ाया । प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की दो दिवसीय यात्रा कई मायनों में ऐतिहासिक रही है ।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी यात्रा को आमजन को सौंगात देने वाली बनाते हुए इन क्षेत्रों के विकास को लेकर 3400 करोड़ रूपये की सड़क, रोप-वे आदि योजनाओं का शिलान्यास किया । प्रधानमंत्री के इस कदम से इन धार्मिक स्थलों के साथ सरहदी ईलाकों में सम्पर्क बढ़ने के साथ-साथ स्थानीय लोगों को रोजगार आदि में भरपूर फायदा मिलेगा । देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की इन दिनों भारतीय संस्कृति के दो बड़े स्थलों की यात्रा से तिब्बत से लगती सीमा पर स्थित माणा गांव भी काफी चर्चा में रहा । जहां प्रधानमंत्री श्री मोदी जनसभा में शामिल हुए ।
जहां प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जनसभा को सम्बोधित करते हुए कई बड़ी बातें कहीं । जिससे स्थानीय कला व उत्पादों को बढ़ावा और उचित बाजार मिल सकेगा । अपने भाषण में श्री मोदी ने कहा कि विरासत पर गर्व और विकास के लिए प्रयास को लेकर हमें गहरे से विचार करने की जरूरत है तथा इन पर अधिक गौर करने की आवश्यकता है । प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी गौरवशाली विरासत व परम्पराओं के प्रति हमें गर्व होना चाहिए । जिसे हम पिछले लम्बे समय से भूल चुके है । वहीं दुनिया की विकास दौड़ में भी हमें बराबर आगे बढ़ना है ।
प्रधानमंत्री श्री मोदी की दोनों बड़ी बातें भारत के विकसित राष्ट्र बनाने में मील का पत्थर साबित होगी । यह सही समय है कि भारतीय गौरवशाली विरासत और परंपराओं पर गर्व करें और उन्हें संरक्षित व सुरक्षित बनाने का हर कदम प्रयास करें । वही वर्तमान समय की मांग के अनुरूप हमें विकास की दौड़ में भी दुनिया के साथ बराबर गति से आगे बढ़ना है । भारत इन दो ध्येय वाक्यों के सहारे दुनिया का सिरमौर राष्ट्र बन सकता है । विरासत पर गर्व और विकास का प्रयास आधुनिक भारत के निर्माण की आधारशिला व नींव का वाक्य हो सकता है ।
— मुकेश बोहरा अमन