लघुकथा

तन्हाई

सृजना आफिस के लिए तैयार हो ही रही थी कि माँ ने उसे पुकारा।
‘मां जल्दी कहो क्या कहना है?’
‘बेटा ललिता मौसी का फोन आया है। उन्हें क्या जवाब देना है?’
‘मां आप समझती क्यों नहीं? आपसे पहले भी कई बार तो कह चुकी हूँ। मुझे अभी शादी नहीं करनी है, अभी अभी मैंने नौकरी ज्वाइन की है। आप है कि जब देखो शादी की रट लगाए रहती हैं।’
‘बेटा कुछ तो खयाल करो तुम्हारे पापाजी इसी साल रिटायरमेंट है। मैं चाहती हूँ, रिटायर होने से पहले तुम्हारे हाथ पीले कर दूंँ।’
‘तुम हो कि कुछ समझना ही नहीं चाहती हो।’
‘ये क्यों भूल जाती हो कि तुम्हारी एक छोटी बहन भी तो है? उसकी पढ़ाई भी पूरी हो गई है। हमें उसका भी तो ब्याह करना है।’
‘माँ! ये भी हो सकता है मेरे ससुराल वालों को मेरा नौकरी करना पसंद ही ना आए। मैं इस नौकरी को गंवाना नहीं चाहती। मुझे आजाद जिंदगी जीना पसंद है, बंधन में बंधना नहीं चाहती।’
‘सृजना तुमने जब शादी नहीं करने का फैसला कर ही लिया है, तो ठीक है। मेरा तो यही ख्याल है कि सही उम्र में  शादी ब्याह के कार्य सम्पन्न हो जाए, बाकी तुम जैसा उचित समझो। ऐसा ना हो तुम्हे अपने इस निर्णय पर बाद पछताना पड़े। फिर न कहना समझाया नहीं था।’
‘मां! सुनो आप मौसी को मना कर देना, मैं दफ्तर के लिए निकल रही हूँ।’
‘ठीक है, अपना ख्याल रखना।’
इसी तरह वक्त गुजारने लगा। पहले तो बहुत से रिश्ते माँ ने सुझाए लेकिन सृजना को तरक्की की राह में शादी का बंधन रोड़ा ही लगा। वहं हर रिश्ते को ठुकराती चली गई। उसके पापा रिटायर होने के बाद बीमार रहने लगे। छोटी बहन का ब्याह हो गया, वह पीहर कभी कभी आती है। सृजना अपने कमरे में जब भी तनहा होती है यही सोचती है- ”मेरे दिल की बात सुनने वाला कोई तो हो। मन करता है मुझे भी कोई चाहने वाला हो, लेकिन किससे कहूँ? क्या पता था एक दिन अकेलापन काटने को दौड़ेगा? मैं अब अकेली अपनी ही तन्हाइयों लड़ रही हूँ।“

— अर्विना गहलोत

अर्विना गहलोत

जन्मतिथि-1969 पता D9 सृजन विहार एनटीपीसी मेजा पोस्ट कोडहर जिला प्रयागराज पिनकोड 212301 शिक्षा-एम एस सी वनस्पति विज्ञान वैद्य विशारद सामाजिक क्षेत्र- वेलफेयर विधा -स्वतंत्र मोबाइल/व्हाट्स ऐप - 9958312905 [email protected] प्रकाशन-दी कोर ,क्राइम आप नेशन, घरौंदा, साहित्य समीर प्रेरणा अंशु साहित्य समीर नई सदी की धमक , दृष्टी, शैल पुत्र ,परिदै बोलते है भाषा सहोदरी महिला विशेषांक, संगिनी, अनूभूती ,, सेतु अंतरराष्ट्रीय पत्रिका समाचार पत्र हरिभूमि ,समज्ञा डाटला ,ट्र टाईम्स दिन प्रतिदिन, सुबह सवेरे, साश्वत सृजन,लोक जंग अंतरा शब्द शक्ति, खबर वाहक ,गहमरी अचिंत्य साहित्य डेली मेट्रो वर्तमान अंकुर नोएडा, अमर उजाला डीएनस दैनिक न्याय सेतु