भारत जोड़ो यात्रा से कांग्रेस मोक्ष की ओर
कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को लेकर रोज नए विवाद सामने आ रहे हैं 150 दिन चलने वाली ‘भारत जोड़ो यात्रा’ अब महाराष्ट्र पहुंच चुकी है कांग्रेस पार्टी इस यात्रा के जरिए राहुल बाबा को प्रोजेक्ट करने की कोशिश कर रही है। इसके उलट हुआ यह कि कांग्रेस के साहबजादे भारत जोड़ो यात्रा के नाम पर भारत तोड़ो यात्रा पर हैं। ०७ सितम्बर २०२२ को कन्याकुमारी से शुरू हुई कांग्रेस की तथाकथित भारत जोड़ो यात्रा प्रारम्भ हुई थी पार्टी में जान फूंकने के लिए लेकिन अब कुछ ही दिनों में ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस में जान तो नही आयेगी किन्तु मोक्ष को प्राप्त करेगी।
कांग्रेस की यह भारत जोड़ो यात्रा प्रारम्भ से ही विवादों में घिर गई, कारण यह कि कांग्रेस अपने मूल चरित्र तोड़ो और राज्य करो के राह पर यात्रा को संचालित कर रही थी। चले थे जोड़ने के लिए और मुंह बोले राहुल बाबा लगे भारत तोड़ने।
केरल में पार्टी की ओर से क्रांतिकारियों के सम्मान में एक कार्यक्रम का आयोजन किया क्रांतिकारियों के परिवार के निमंत्रण के बाद भी राहुल गांधी कार्यक्रम में नहीं गए जिस पर केरल के पार्टी अध्यक्ष सुधाकरण ने क्रांतिकारियों के परिवार से माफी मांगी। अर्थात राहुल गांधी क्रांतिकारियों का अपमान करने से यहां भी नही चुके। कॉन्ग्रेस की पुरानी रीति रही है कि हिंदुओं का अपमान करना इसी श्रृंखला में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान ही राहुल गांधी ने तमिलनाडु के विवादित पादरी जॉर्ज पोन्नैया से मुलाकात की उनकी बातचीत का वीडियो लीक हो गया इस वीडियो में राहुल को पादरी समझा रहा है कि सिर्फ यीशू ही असली भगवान हैं और कोई देवी या देवता नहीं जिसको राहुल बाबा बड़े ही धैर्य से सुन रहे हैं। इस सबके बाद भी राहुल यहीं नहीं रुके और आ गए अपने वही पुराने अलाप में और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की निकर में आग लगी एक फोटो ट्वीट किया और कैप्शन में लिखा १४५ दिन और जबकि इनको पता है कि इनके पुरखे भी आरएसएस का कुछ नही कर पाए तो इनकी क्या औकात। अब आगे इनका चरित्र चित्रण करते हैं तथाकथित भारत जोड़ो यात्रा जब पहुंची वसीम जिले में तो एक कार्यक्रम में राहुल बाबा बोले राष्ट्रगान बजाओ और उनके कार्यकर्ताओ ने बजा दिया कुछ और जिसका वीडियो भी खूब वायरल हुआ यानी इनके लोगों के खून में भारत अपमान बसता है। हद तो यहां तक हो गई जब यात्रा के नाम पर ठगी लूट घसोट होने लग जाए। कोल्लम में सब्जी के ठेला लगाने वालों से पार्टी के लिए मुंह मांगा चंदा मांगा और जब नही मिला तो सब्जी दुकानदारों का सामान फेंक दिया। और जो कुछ बचा था वह पूरा कर दिया स्वातंत्र्य वीर सावरकर के अपमान से। राहुल गांधी जब से भारतीय राजनीति में प्रकट हुए है, तब से लगातार समय समय पर कुछ अतंराल के बाद सावरकर पर अनर्गल आरोप लगाते रहते हैं। राहुल गांधी भूल जाते है कि उनकी दादी इंदिरा गांधी ने सावरकर पर डाक टिकट जारी किया था और सावरकर की स्मृति में स्थापित न्यास को निजी तौर पर 11 हजार रूपये दिए थे। राहुल बाबा इस बात को कैसे भूल जाते है कि महाराष्ट्र के रोम रोम में सावरकर बसे हैं जैसे इस देश के रोम रोम में बाबा साहब भीमराव रामजी आंबेडकर हैं। सावरकर के घर महाराष्ट्र में जाकर सावरकर कोे भला बुरा कहकर राहुल कौन सी राजनीतिक जमीन बचाना चाहते हैं बल्कि कांग्रेस को मोक्ष देना चाहते हैं। महाराष्ट्र में सावरकर को नापंसद करने वाले लोग भी सावकर की सार्वजनिक आलोचना पंसद नहीं करते। राहुल गांधी भूल रहे हैं कि जनता राजनेताओं से और राजनीतिक दलों की राजनीति से ऊपर होती है। जनता की अपनी एक स्मृति होती है जो अपने नायकों से अपना रिश्ता गढ़ती है। यह टैगोर थे जिन्होंने मोहनदास करमचंद गांधी को महात्मा कहा और पूरा देश गांधी को महात्मा मानने लगा। गांधी ताउम्र अपने आचरण से महात्मा होने की पात्रता बार बार अर्जित भी करते रहे। विनायक दामोदर सावरकर को स्वातंत्र वीर सावरकर कहा गया और पूरे महाराष्ट्र ने वीर सावरकर को कंधे पर उठाया। महाराष्ट्र की जनता सावरकर को लेकर संवेदनशील है, इसलिए महाराष्ट्र के किसी भी राजनीतिक दल ने कभी भी सावरकर की वीरता को लेकर प्रश्न नहीं उठाया। स्पष्ट है कि राहुल गांधी और कांग्रेस कभी भारत के प्रति इमानदारी प्रकट नही कर सकी। इसी का परिणाम रहा कि पिछले दिनों हुए उप चुनाओं में कांग्रेस कोई सीट जीत नही सकी।
— बालभास्कर मिश्र