गीत/नवगीत

युगपुरुष

(पंडित दीन दयाल उपाध्याय के जन्म दिवस पर )

हे राष्ट्रधर्म के अनुयायी
प्रतिमान तुम्हारा अमर रहे
तुम अमर रहो युग पर अंकित
यशगान तुम्हारा अमर रहे

इस भरत भूमि के कण -कण में
तुमने वो अलख जगाई है
एकात्मवाद का सूरज अब
कल्पना नहीं सच्चाई है

हे मूल्यों के अतुलित योद्धा
बलिदान तुम्हारा अमर रहे

प्रारम्भ हो गया अश्वमेध
अब महाप्रयाण शुरू होगा
जो आर्याव्रत था विश्वगुरू
अब फिर से विश्वगुरू होगा

जनजीवन में अनुशासन का
अभियान तुम्हारा अमर रहे

कल्याण हो रहा जन -जन का
चल रहे निरन्तर नये शोध
अब राष्ट्रवाद के पौधे पर
फल -फूल रहा कर्तव्य बोध

हे जन नायक जनमानस में
स्थान तुम्हारा अमर रहे

— सूर्य प्रकाश मिश्र

सूर्य प्रकाश मिश्र वाराणसी

जन्म तिथि -10/01/1958(बलिया ,उत्तर -प्रदेश ) शिक्षा - स्नातक (कृषि ) कृतियाँ -छुई मुई सी सुबह , वफा के फूल मुस्कुराते हैं भोर का तारा न जाने कब उगेगा, दरबान ऊँघते खड़े रहे , सुरीले रंग सूख रहा पौधा सूराज का भजकटया के फूल जाना है समय के पार (आठ गीत संग्रह ) कौवा पुराण (कुण्डली संग्रह ) सम्मान -अनेक सम्मान प्राप्त प्रकाशन -साक्षात्कार ,हरिगन्धा ,हिमप्रस्थ ,मधुमती ,अक्षरा ,हिन्दुस्तानी जबान ,देवपुत्र साहित्य अमृत ,व्यंग्य यात्रा ,वीणा ,राष्ट्र धर्म सोच विचार ,विज्ञान गंगा आदि शतकाधिक पत्रिकाओं में गीत ,कविता ,कहानी व्यंग्य प्रकाशित संप्रति -भारतीय स्टेट बैंक में प्रबन्धक पद से सेवा निवृत्त पता -बी 23/42 ए के बसन्त कटरा गांधी चौक खोजवा निकट दुर्गा कुंड वाराणसी 221010 मोबाइल 09839888743 ई मेल [email protected]