युग परिवर्तन
जब-जब रावण पैदा होगा सच की सत्ता झुठलाएगा
हे राम तुम्हें इस धरती पर
हर बार बुलाया जायेगा
मूल्यों को निर्वासित करके
राक्षसगण परम कुलीन हुवे
देखो फिरसे सारे अवगुण
सिंहासन पर आसीन हुवे
नेतृत्व प्रदान करो इसको
सद्गुण भी शस्त्र उठायेगा
तैयार हो गया हवन कुण्ड
मंत्रों का उच्चारण होगा
जल जायेगा इस ज्वाला में
जो भी दुख का कारण होगा
जनमानस प्रहरी बनने की
अपनी भूमिका निभायेगा
युगपरिवर्तन का उज्जवल रथ
सारथी बना है सद्विचार
देखेगा फिर से अखिल विश्व
अभिमंत्रित अस्त्रों के प्रहार
ये अश्वमेध का पावन ध्वज
निर्भय होकर लहरायेगा
— सूर्य प्रकाश मिश्र