नव वर्ष निराला आया है
कैसा ये आलम छाया है
ज़र्रा ज़र्रा महकाया है |
खिली हुई कलियाँ सारी
मधु गीत फिजा ने गाया है |
मन में आज उमंगें इतनी,
दिल सबका हर्षाया है |
दूर तिमिर अब हुआ जगत से
आशा का दीप जलाया है |
करो सभी अब स्वागत मिलकर
नव वर्ष निराला आया है |
— डाॅ सोनिया