गणतंत्र दिवस परेड में दिखा बदलते भारत का नया अंदाज
राष्ट्रीय गौरव के अवसर गणतंत्र दिवस पर गणतंत्र दिवस परेड भारत की ताकत को पूरी दुनिया के सामने रखने का एक बड़ा अवसर होता है और इस बार परेड में पूरी दुनिया ने कर्त्तव्य पथ पर भारत की लगातार बढ़ती ताकत को देखा। गणतंत्र दिवस परेड में आयोजित किए गए रंगारंग कार्यक्रमों के अलावा देश की संस्कृति और परम्पराओं को प्रदर्शित करने के लिए निकाली गई झांकियों तथा पूरे विश्व को भारत की ताकत दिखाने के लिए तीनों सेनाओं के जवानों द्वारा किए गए अनोखे करतबों ने हर किसी का मोह लिया। सही मायनों में इस वर्ष परेड में कर्त्तव्य पथ पर देश की सांस्कृतिक विरासत और सैन्य शक्ति की झलक स्पष्ट दिखाई दी। हालांकि इस वर्ष भी परेड के दौरान होने वाले आयोजनों में कुछ बदलाव किए गए थे। देश की आजादी के बाद लगातार दूसरी बार ऐसा हुआ, जब परेड 10 बजे के निर्धारित समय के बजाय आधे घंटे देरी से शुरू हुई। गणतंत्र दिवस परेड में पहले जहां सवा लाख लोग परेड देखने पहुंचते थे, वहीं इस बार दर्शकों की संख्या काफी कम कर दी गई थी और साथ ही वीआईपी आमंत्रण पास की संख्या में भी भारी कटौती की गई थी। हालांकि कोविड काल में केवल 25 हजार लोगों को ही आमंत्रित किया गया था लेकिन इस बार कर्त्तव्य पथ पर भव्य गणतंत्र दिवस परेड देखने के लिए 45 हजार दर्शकों की ही अनुमति थी। वीआईपी मेहमानों की संख्या भी 12 हजार तक सीमित कर दी गई थी।
परेड में सेना की मार्चिंग टुकड़ियों से लेकर टैंक, तोप और बैंड के अलावा वायुसेना के फ्लाईपास्ट ने इस आकर्षण में चार चांद लगा दिए। कई विमानों के फ्लाईपास्ट के दौरान भारत के लड़ाकू विमानों का शौर्य पूरी दुनिया को देखने को मिला। कर्त्तव्य पथ पर देश की प्रगति और संस्कृति को दर्शाती सांस्कृतिक झांकियां भी बदलते भारत के नए अंदाज और अहसास का अनुभव कराती नजर आई। गणतंत्र दिवस परेड के दौरान इस बार तीनों सेनाओं के कुल 75 एयरक्राफ्ट ने कर्त्तव्य पथ पर अपनी ताकत दिखाई, जिनमें फ्रांस से आया राफेल भी सम्मिलित था। इन 50 एयरक्राफ्ट में वायुसेना के 45, नौसेना का 1 और थलसेना के 4 एयरक्राफ्ट शामिल थे, जिनमें 23 फाइटर जेट, 18 हेलीकॉप्टर, 8 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट विमान के अलावा नौसेना का सबसे पुराना टोही विमान आईएल-38 भी था। गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार भारतीय वायुसेना की गरुड़ स्पेशल फोर्स ने भी हिस्सा लिया। कर्त्तव्य पथ पर डेयरडेविल्स ने तो अपने हैरतअंगेज प्रदर्शनों से हर किसी को मंत्रमुग्ध कर दिया। बाइक पर डेयरडेविल्स ने कमाल के स्टंट दिखाए और इस दौरान वे बाइक पर योग की मुद्राएं करते भी दिखाई दिए। गणतंत्र दिवस परेड ने इस बार देश की सैन्य शक्ति और सांस्कृतिक विविधता के अनूठे मिश्रण के साथ भारत की बढ़ती स्वदेशी क्षमताओं, नारी शक्ति और ‘न्यू इंडिया’ के उद्भव का विलक्षण प्रदर्शन किया। कुल मिलाकर देखा जाए तो इस बार कर्त्तव्य पथ पर बुलंद भारत की बुलंद तस्वीर स्पष्ट रूप से दिखाई दी।
पहले जहां गणतंत्र दिवस समारोह में ब्रिटिश 25 पाउंडर गन से 21 तोपों से सलामी दी जाती थी, वहीं इस वर्ष पहली बार 21 तोपों की सलामी 105 एमएम की भारतीय फील्ड गन से दी गई। यह नया बदलाव रक्षा क्षेत्र में बढ़ती भारतीय आत्मनिर्भरता को प्रदर्शित करता है। दरअसल राष्ट्रगान के पूरे 52 सैकेंड के समय को कवर करने के लिए प्रत्येक 2.25 सैकेंड पर तीन राउंड में सात तोपें दागी जाती हैं, इसे ही 21 तोपों की सलामी कहा जाता है। 21 तोपों की सलामी हमारे राष्ट्रपति तथा अतिथि राष्ट्राध्यक्षों को दिया जाने वाला सबसे बड़ा सम्मान माना जाता है। परेड के दौरान भारतीय सेना द्वारा अपने अत्याधुनिक स्वदेशी हथियारों का प्रदर्शन किया गया, जिनमें तीन अर्जुन-मार्क वन टैंक, एक नाग मिसाइल सिस्टम, के9 वज्र-टी स्वचालित गन सिस्टम, दो बीएमपी, एक ब्रह्मोस मिसाइल, दो 10 मीटर के शॉर्ट स्पैन ब्रिज, एक मोबाइल माइक्रोवेव नोड और मोबाइल नेटवर्क सेंटर, दो आकाश मिसाइल सिस्टम इत्यादि शामिल थे। परेड के दौरान राफेल और सुखोई सहित वायुसेना के लड़ाकू विमानों के आकाशीय करतबों के साथ कर्त्तव्य पथ के आसमान पर आईएल-38 पहली और आखिरी बार अपना जौहर दिखाया, जिसे इस वर्ष के आखिर में रिटायर कर दिया जाएगा। यह विमान नौसेना में अपनी 42 वर्ष की सेवा में पहली बार कर्त्तव्य पथ पर उड़ान भरता दिखाई दिया। यह एक टोही विमान है, जो पिछले 42 वर्षों से समुद्र में दुश्मन के हर मूवमेंट की जानकारी देने के साथ राहत कार्यों को भी बेहतर तरीके से अंजाम देता आया है। गणतंत्र दिवस परेड का शो स्टॉपर दुनिया का सबसे ताकतवर लड़ाकू विमान राफेल रहा, जो कि परेड के आखिर में उड़ान भरते हुए मंच के सामने से वर्टिकल चार्ली ड्रिल को अंजाम देता नजर आया।
वायुसेना के फ्लाईपास्ट में अलग-अलग फाइटर प्लेन करतब दिखाते हुए हर बार अलग-अलग फॉर्मेशन में उड़ान भरते हैं और हर फॉर्मेशन का एक अलग नाम होता है। इस बार अलग-अलग फॉर्मेशन में कुल 9 राफेल विमानों ने परेड में हिस्सा लिया और हमेशा की तरह फ्लाईपास्ट को दो हिस्सों में बांटा गया। पहले भाग में ‘प्रचंड’ ने विभिन्न संरचनाओं को प्रदर्शित किया, जिसके बाद विमान तिरंगा, ध्वज, रुद्र और बाज फार्मेशन में अपना प्रदर्शन दिखाया। उसके बाद तंगेल, वजरांग, गरुड़, नेत्रा, भीम, अमृत, त्रिशूल और विजय इत्यादि विभिन्न संरचनाओं को प्रदर्शित करते नजर आए। पहले हिस्से में ध्वज फॉर्मेशन में 4 एमआई-17 1वी/ वी5 हेलीकॉप्टरों ने भारतीय ध्वज और तीनों सेना के ध्वज लेकर सुप्रीम कमांडर के सामने से उड़ान भरते हुए उन्हें सैल्यूट किया। तत्पश्चात डायमंड फॉर्मेशन में उड़ान भरते हुए थलसेना के अटैक हेलीकॉप्टर ने डायस के सामने से उड़ान भरी और फिर 3 मिग-29 विमानों ने बाज विंग फॉर्मेशन में फ्लाई किया। दूसरे चरण के फ्लाई पास्ट की शुरूआत स्वदेशी लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर प्रचंड की अगुवाई में दो अपाचे और दो एएलएच मार्क 4 के एरो फॉर्मेशन में उड़ान भरते हुए हुई। उसके बाद सारंग फॉर्मेशन में 5 एएलएच सारंग हेलीकॉप्टर ट्राई कलर छोड़ते हुए कर्त्तव्य पथ के ऊपर से गुजरे। तंगेल फॉर्मेशन में विंटेज एयरक्राफ्ट डकोटा और 2 डोर्नियर विमान, वजरांग फॉर्मेशन में 1 सी-130 और 4 राफेल, गरुड़ फॉर्मेशन में नौसेना के आईएल-38 और 2 एएन 32, नेत्रा फॉर्मेशन में 1 अवाक्स और 4 राफेल, भीम फॉर्मेशन में 1 सी-17 और 2 सुखोई-30, अमृत फॉर्मेशन में 6 जगुआर ने उड़ान भरी। इसके बाद 3 सुखोई-30 त्रिशूल फॉर्मेशन बनाते हुए आसमान में गायब हो गए और फिर फ्लाईपास्ट के शो स्टॉपर राफेल द्वारा वर्टिकल चार्ली बनाते हुए परेड का समापन हुआ। कुल मिलाकर गणतंत्र दिवस समारोह में परेड के दौरान कर्त्तव्य पथ पर भारत की सैन्य ताकत के साथ-साथ देश की सांस्कृतिक झलक भी दिखाई दी।