मेरे ह्रदय में तेरा वास है ,तेरे ह्रदय में मेरा वास है
दिल कि बातें किसे कहे आज वो जुबां पे खास है
मोहब्बत कि निशानिया आज ताजमहल में वास है
हर कदम पे दिल बिकने का यहाँ नहीं कोई रिवाज है
हो गर मोहब्ब्त तो यही जीवन जीने सही का राज है
— संजय वर्मा “दृष्टि”