मेरी दिवानी बन जा
मैं तो हूँ ही दिवाना तेरा तु भी मेरी दिवानी बन जा
वक्त गुजर कर याद बन जाता हैं,
तेरी यादों से सजी हो ऐसी एक कहानी बन जा |
सुना हैं जी लेते है लोग यादों के सहारे जीवन अपना
मैं भी चाहता हूँ तेरी तस्वीर सीने से लगा कर राते जगना |
दुनिया करे उम्र भर जिसे तस्सवुर,
मेरी मोहब्बत की एक ऐसी निशानी बन जा |
मैं तो हूँ ही दिवाना तेरा तु भी मेरी दिवानी बन जा ||
गम-ए-जिंदगी भुला देता हैं वो जाम बन जा
दिन तरस रहा हैं रात की चांदनी के लिए,
दोनों को मिलाने वाली दिलरुबा शाम बन जा |
बड़ी गर्मी हैं इस मोहब्बत के सफर में तेरी ,
मेरे मेहबूब तु शीतलता सी मंजिल सुहानी बन जा |
मैं तो हूँ ही दिवाना तेरा तु भी मेरी दिवानी बन जा ||
निगाहों में इजहार दिखा,ज़ुबाँ से इनकार करते हो
एक बार मिला लो नजर नजरों से,
खुद-ब-खुद इकरार हो जाएगा की प्यार करते हो |
बड़ी खता उसकी भी निगाहों ने की हैं,
मोहब्बत में जो हम भी करना चाहे ऐसी नादानी बन जा |
मैं तो हूँ ही दिवाना तेरा तु भी मेरी दिवानी बन जा ||
— जुबेर जिलानी