कंडे की होली जलाएं ,जिसके खरीदने पर लाखों गायों का सालभर का आहार का खर्च निकल जाएगा । ये कार्य पर्यावरण के हक़ में एवं गो सेवा के लिए पुनीत कार्य होगा ।आज भी कई क्षेत्रों में दाहसंस्कार में कंडों का ही पूर्ण रूप से उपयोग किया जाता है। जो की पर्यावरण व ,लकड़ी के हित में है।वर्तमान में मोहल्लों में कई स्थानों पर होलीदहन किया जाने लगा है ।सुझाव है कि यदि होली दहन एक ही स्थान पर किया जाए तो पर्यावरण के पक्ष में ज्यादा उपयोगी होगा । ।वृक्ष वसंत के सूचक और हमारे जीवन में सदैव उपयोगी,व पूजनीय रहे है।।सूखे पहाड़ो पर बिना पत्ती के वृक्ष अपनी वेदना किसे बताये। जब बारिश होगी तभी इन वृक्षों पर हरियाली अपना डेरा जमा सकेगी ।बस इन्हें इन्सान काटे ना |क्योकि होली के लिए चोरी से ऐसे वृक्षों को बेजान समझकर ,बिना अनुमति के लोग काटने की फ़िराक मे रहते है |वृक्षों से ही तो जंगल, पहाड़ो का सोंदर्य है |वृक्ष ही इन्सान के मददगार एवं अंतिम पड़ाव तक का साथी होता है साथ ही पशु,पक्षियों को आसरा प्रदान करता है |अत: बिना पत्तियों के वृक्षों को बेजान समझकर होली के लिए ना काटें|कंडे की होली दहन हेतु संकल्प लेवे ताकि पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सके|दूसरे पहलू को देखे तो वर्तमान में कई शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है | जिससे सांस में तकलीफ आने लगी है |वायु प्रदूषण फैलाने वाले उद्योग के अलावा युद्ध जैसे माहौल से बचना चाहिए।वायु प्रदूषण फैलाने वाले उद्योग ,युद्ध में प्रयुक्त विस्फोटक सामग्रियों के प्रयोग से पर्यावरण को नुकसान होता है।वायु मंडल विषाक्त होता है।एक जानकारी के मुताबिक नासा के वैज्ञानिक थॉमस पूरे का कथन है कि फ़िलहाल जिस गति से पृथ्वी का वायुमंडल लिक हो रहा है ,उस हिसाब से एक से डेढ़ अरब साल में वायु मंडल पूरी तरह खत्म हो जाएगा | वायु मंडल को विषाक्त होने से बचाना चाहिए ताकि ओजोन पर्त सुरक्षित बनी रह सके |धरती या किसी ग्रह का वायुमंडल उस ग्रह के गुरुत्वाकर्षण के कारण बंधा रहता है | इस बंधे हुए वायुमंडल के बाहर अंतरिक्ष में कुछ ऐसी घटनाएँ होती है,जिसके कारण वायुमंडल की कुछ वायु गुरुत्वाकर्षण को तोड़कर अंतरिक्ष में विलीन हो जाती है | इस प्रक्रिया को ‘ओरेरा कहा जाता है |पृथ्वी के रहवासियों को कार्बन उत्सर्जन की मात्रा को कम करना होगा|वृक्षारोपण को ज्यादा संख्या में रोपण किया जाना होगा | ताकि वायु मंडल बना रहे।वृक्ष भी ऑक्सीजन प्रदान करते है। वायुमंडल से ही धरती के रहवासी सुरक्षित रह सकते है।
— संजय वर्मा “दृष्टि”