गीतिका
नारी को यूँ ही मत जान
नारी है इस जग की शान |
कितने ही नारी के रूप
महिमा इसकी बड़ी महान |
अन्नपूर्णा सुख बरसाय
भर देती है घर में धान |
चलती हर दम नर के संग
पौरुष की बनती पहचान |
त्याग, समर्पण से भरपूर
गुणवत्ता की अद्धभुत खान |
दुर्गा, चंडी भी बन जाय
जब खोये इसका सम्मान |
जानो नारी का सब मोल
पाया जग ने है वरदान |
— डॉ. सोनिया गुप्ता