भारत में वर्तमान में कुल 40 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं। 40 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों में से मध्य प्रदेश खजुराहो के स्मारक समूह -1986 ,साँची के बौद्ध स्तूप -1989 , भीमबेटका की गुफाएं -2003 घोषित है।वर्तमान में मांडू उपेक्षित है। माण्डव में कई महल स्मारक के धरोहर की वास्तुशैली भारतीय वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण समाहित है। मांडव को भी यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थल की सूची में शामिल किया जाना चाहिए।देखा जाए तो वर्तमान में पर्यटन स्थलों पर बेहतर सुविधाओं की आवश्यकता है।फ़िल्म निर्माताओं को भी मप्र के पर्यटन स्थलों का सौंदर्य व ऐतिहासिक धरोहरे काफी लुभा रही है।विशेषकर मांडव,महेश्वर में कई फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है।फ़िल्म निर्माताओं को लोकेशन हेतु विदेश जाकर दृश्य फिल्माने पर काफी लागत आती थी।मप्र में ही कई सुंदर स्थल उपलब्ध होने से फ़िल्म लागत में फायदा हुआ है।लोगो को भी चाहिए की पर्यटन स्थलों पर गंदगी,कूड़ा करकट ना फैलाए, दीवारों पर कुछ ना लिखे। क्योकि स्थलों का सौंदर्य निहारने,ऐतिहासिक महत्व को जानने,स्थानीय कला को पहचानने के लिए और दो पल सुकून पाने के लिए लोग आते है।स्वच्छ पर्यटन सभी जगह बना रहे ऐसा स्वच्छता का कार्य जागरूकता से करना होगा।ताकि पर्यटक,फ़िल्म निर्माताओं को मप्र के स्थल की आकर्षकता दिलों में जगह बना सके।इसके अलावा मप्र और भी रमणीय स्थलों को चिन्हित करके पर्यटन क्षेत्र विकसित करने की दॄष्टि शासन का ध्यान आकर्षित करवाना होगा।इसके साथ ही मांडव,बाग जैसे स्थलों को यूनेस्को विश्व धरोहरों में शामिल करके मप्र धरोहर की सूची में इजाफा करना होगा।
— संजय वर्मा “दृष्टि”