बाल कविता

बच्चों का योग

करें योग हम आओ बच्चो।
बनो निरोगी अच्छे बच्चो।।
चुस्ती, फुर्ती होगी अंदर।
आलस भागे तन के बाहर।।
सूर्य नमस्कार करें जो हरदम।
बढ़े ओज मुख तन में दमखम।।
योग दिवस है इक्कीस जून।
इसको मत जाना तुम भूल।
सूर्योदय से पहले उठकर।
करो सैर तुम अब जी भरकर।।
कर लो आसन, सूक्ष्म व्यायाम।
ज्यादा नहीं करना आराम।।
तन हो सुंदर, मन हो सुंदर।
गाजर मूली खाओ चुकंदर।।
भारत मां के लाल हो तुम।
स्वस्थ भारत निर्माण हो तुम।।
— आसिया फारुकी

*आसिया फ़ारूक़ी

राज्य पुरस्कार प्राप्त शिक्षिका, प्रधानाध्यापिका, पी एस अस्ती, फतेहपुर उ.प्र