कविता

राखी पर कविता

मैं लाडली तेरी हूँ भैया 

  हमेशा मुझपर प्यार बनाये रखना

  तुम से मैं कुछ न चाहूँ पर राखी

    पर इंतजार बनायें रखना ||

मेरे बाबुल को बगिया को

    यूँ हरदम सजायें रखना

भले यूं ही मत आना मिलने

  पर राखी पर इंतजार बनायें रखना।

 मैं तुम से दूर चली आई

     पर तुम मुझेसे दूर नही

मेरी मजबूरी है आने की

      पर तुम तो हो मजबूर नही।

 अपनी प्यारी बहाना की दामन

      यूं ही खुशियों से सजाये रखना

, मलें यूँ ही  मत आना मिलने

पर  राखी पर इंतजार बनाये रखना ।।

ऊँची तेरी ख्वाबों का

    सदा मैं परवाज रखूंगा

तेरे स्नेह को मैं अपने

     जीवन का नाज रखूँगा

 सलोनी के त्योहार पर

      है मेरा यह वादा

        तेरी  राखी के धागों का

  सदा मैं लाज रखूंगा।।

— विशाल सोनी

विशाल सोनी

शिक्षा-MCA पेशा- शिक्षक वैशाली (बिहार) 8051126749