समय बदला
दिल जवां
हो जाता था इश्क
आज उसी वृक्ष तले
चौपाल पर इश्क
खोजते
विकास के नए आयाम में
खुद चुकी चौपाल
वृक्ष नदारद
धुंधलाई आँखों से
गुम हुए का पता पूछते
लोग कहते क्या पता?
समय बदला
गुम हुई पायल की रुनझुन|
— संजय वर्मा ‘दॄष्टि‘
दिल जवां
हो जाता था इश्क
आज उसी वृक्ष तले
चौपाल पर इश्क
खोजते
विकास के नए आयाम में
खुद चुकी चौपाल
वृक्ष नदारद
धुंधलाई आँखों से
गुम हुए का पता पूछते
लोग कहते क्या पता?
समय बदला
गुम हुई पायल की रुनझुन|
— संजय वर्मा ‘दॄष्टि‘