गीत/नवगीत

हे कृष्ण एक बार फिर धरा पर आ जाओ

हे कृष्ण एक बार फिर धरा पर आ जाओ
नफ़रत की इस दुनिया में तुम,
फिर से सबके दिल में एक बार
गोपियों सा प्रेम पुऩः हृदय में जगाओ।

तोपों, बन्दूकों की धमाकों से
ये धरती माता बुरी तरह कांप रही है,
उन्हें अपनी मुरली की मधुर धुन सुनाओ
हे कृष्ण एक बार फिर धरा पर आ जाओ।

बुराईयों से भर गया यह संसार
पुनः कृष्ण तुम अवतरित हो जाओ,
अधर्म से मानवता को मुक्ति दिलाओ
हे कृष्ण एक बार फिर धरा पर आ जाओ।

कौरवों की तरह सत्ता के लोभी है
आज चारों दिशाओं में नेतागण,
योगेश्वर इन्हें सच्चा योग सिखाओ ‌
हे कृष्ण एक बार फिर धरा पर आ जाओ।

दुःशासनों की आज भरमार हो गई है
शिशुपालों का चारों दिशाओं में बोल बाला,
इन अत्याचारियों अपना सुदर्शन चलाओ
हे कृष्ण एक बार फिर धरा पर आ जाओ।

— कालिका प्रसाद सेमवाल

कालिका प्रसाद सेमवाल

प्रवक्ता जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, रतूडा़, रुद्रप्रयाग ( उत्तराखण्ड) पिन 246171